पटना: कंकड़बाग पुलिस द्वारा पकड़े गये पांचों वाहन चोर बिहार से वाहनों की चोरी कर उसे पश्चिम बंगाल ले जाते थे और बंगाल से चुरायी गयी गाड़ियों को बिहार में ला कर छुपाते थे. इसके बाद असम में नकली कागजात बनवा कर ग्राहक मिलने के बाद वाहनों को नेपाल व नागा लैंड में बेच देते थे.
यह खुलासा पकड़े गये वाहन चोरों ने पुलिस के सामने किया. इसी प्रकार दिल्ली से चुरायी गयी गाड़ियों को यूपी में छुपा कर रखते थे और यूपी से चुरायी गाड़ियों को झारखंड में ला कररखते थे.
दिल्ली जायेगी पटना पुलिस
गिरफ्तार वाहन चोरों के पास से 500 ग्राम चरस भी बरामद किया गया था. ये इन चरस को दिल्ली में खपाते थे. पूछताछ के बाद पुलिस को इस बात की जानकारी मिली है कि वे लोग दिल्ली में कहां चरस की बिक्री करते थे. इन लोगों के नेटवर्क से जुड़े अपराधियों को पकड़ने के लिए पटना पुलिस की एक विशेष टीम जल्द ही दिल्ली रवाना होगी.
जैसे ग्राहक वैसी कीमत
वाहन चोर लाखों रुपये कीमत के लक्जरी वाहनों को मात्र एक लाख से तीन लाख में बिक्री कर देते थे. जैसा ग्राहक मिला, उस अनुरूप कीमत पर वाहनों को बेचते थे.
कार भी बरामद
वाहन चोर जयप्रकाश दीक्षित उर्फ छोटू ( काकोढ़ा, कोखराज, कौशांबी, यूपी), अनिल कुमार उर्फ कामता प्रसाद (माधोपुर, बरौली, गोपालगंज), विकास राम (चिंता मन चक, मोकामा), धीरज कुमार (पंच महल्ला, मोकामा) व रौशन कुमार ( मोर, मोकामा) को कंकड़बाग पुलिस ने बुधवार को जेल भेज दिया. इन लोगों के पास से एक हुंडई कार व पांच सौ ग्राम चरस बरामद किया गया था. इन सभी को कंकड़बाग थाना क्षेत्र के जीवन दीप अस्पताल के पास गिरफ्तार किया गया था.
लिया जायेगा रिमांड पर
सभी वाहन चोरों को पूछताछ के लिए फिर से रिमांड पर लिया जायेगा. इन सभी ने कई वाहन चोरी में अपनी संलिप्तता को स्वीकार किया है. इनके नेटवर्क के संबंध में जानकारी लेने के लिए सबको रिमांड पर लिया जायेगा.
कंकड़बाग थानाध्यक्ष अरुण कुमार गुप्ता ने पांचों को जेल भेजे जाने की पुष्टि की और बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों के संबंध में जानकारी मिली है. सभी को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही है.