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एक कमरे में पांच कक्षाएं, न पानी, न शौचालय, है तो बस नाले की बदबू
अनदेखी. शहर के बीचोंबीच बेली रोड के दो प्राथमिक विद्यालयों का हाल बेहाल पटना : कक्षा एक से कक्षा पांच तक के बच्चों की पढ़ाई एक ही कमरे में. उसी कमरे में स्कूल का दफ्तर भी चलता है. छात्रों, शिक्षकों और स्कूल के कर्मचारियों के लिए पेय जल की सुविधा नहीं है. शौचालय भी उपलब्ध […]
अनदेखी. शहर के बीचोंबीच बेली रोड के दो प्राथमिक विद्यालयों का हाल बेहाल
पटना : कक्षा एक से कक्षा पांच तक के बच्चों की पढ़ाई एक ही कमरे में. उसी कमरे में स्कूल का दफ्तर भी चलता है. छात्रों, शिक्षकों और स्कूल के कर्मचारियों के लिए पेय जल की सुविधा नहीं है. शौचालय भी उपलब्ध नहीं. ऊपर से पास के नाले की बदबू से सांस लेना भी दूभर होता है. यह हाल है, जेडी वीमेंस कॉलेज, बेली रोड के समीप स्थित दो प्राथमिक विद्यालयों का. मुसहरी टोला शेखपुरा और चपरासी क्वार्टर प्राथमिक विद्यालय सामुदायिक भवन के एक-एक कमरे में संचालित हो रहे हैं. यहां के बच्चे पूरे दिन नाले की बदबू और कचरों के बीच बैठ पढ़ाई करने को मजबूर हैं.
एक कमरे में 80 से 85 बच्चे
दोनों स्कूल में कुल 169 बच्चे नामांकित हैं. एक कमरे में करीब 80 से 85 बच्चे पढ़ाई करते हैं. आलम यह है कि बच्चों को किताब खोल कर बैठने की जगह भी नहीं मिल पाती है. शौचालय नहीं होने की वजह से स्कूल की लड़कियों और शिक्षिकाओं को भी परेशानी हो रही है. स्वच्छ भारत योजना के तहत बीते वर्ष जुलाई में शौचालय का निर्माण कार्य शुरू तो हुआ, लेकिन आठ माह बीत जाने के बाद भी यह पूरा नहीं हो सका है.
शिक्षक भी हैं परेशान
स्कूल का संचालन बहुत ही मुश्किल परिस्थितियों में हो रहा है. यहां पढ़ाने से लेकर ऑफिस तक का काम एक ही कमरे में करना पड़ता है. पेय जल और शौचालय की व्यवस्था नहीं होने से बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
दीपक श्रीवास्तव, प्रभारी शिक्षक, प्राथमिक विद्यालय चपरासी क्वार्टर
मिड डे मील भी दो सालों से बंद
कई गरीब बच्चे मिड डे मील
पाने की उम्मीद में भी स्कूल आते हैं. लेकिन, इन स्कूलों में यह सुविधा दो सालों से बंद है. जगह के अभाव में मिड डे मील नहीं बन पा रहा है. इस कारण बच्चे लंच टाइम के बाद घर चले जाते हैं. शिक्षक जब सख्ती बरतते हैं, तो बच्चे अगले दिन से स्कूल आना बंद कर देते हैं.
एक में बेंच डेस्क, दूसरे में जमीन पर बैठते हैं
एक ही सामुदायिक भवन में चल रहे दो अलग-अलग विद्यालयों के बच्चों के बीच असामनता भाव उत्पन्न हो रहा है. प्राथमिक विद्यालय मुसहर टोली के बच्चे, जहां जमीन पर बैठ कर पढ़ाई करते हैं. वहीं, चपरासी क्वार्टर के बच्चे बेंच-डेस्क पर. एक एनजीओ ने चपरासी क्वार्टर स्कूल को बेंच डेस्क मुहैया कराया था.
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