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450 एमएल स्पिरिट में बनी होमियोपैथी दवा नहीं बिकेगी

पटना: अब होमियोपैथी में 450 एमएल स्पिरिट से बनी दवाएं प्रतिबंधित होंगी. इसे बनाना व बेचना गैर कानूनी होगा. इन दवाओं को बेचनेवाले दुकानदारों व होमियोपैथी डॉक्टरों पर कार्रवाई होगी. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के निर्देश पर औषधि विभाग छापेमारी के लिए टीम बना रही है. राज्य स्वास्थ्य समिति और औषधि विभाग की बैठक […]

पटना: अब होमियोपैथी में 450 एमएल स्पिरिट से बनी दवाएं प्रतिबंधित होंगी. इसे बनाना व बेचना गैर कानूनी होगा. इन दवाओं को बेचनेवाले दुकानदारों व होमियोपैथी डॉक्टरों पर कार्रवाई होगी. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के निर्देश पर औषधि विभाग छापेमारी के लिए टीम बना रही है. राज्य स्वास्थ्य समिति और औषधि विभाग की बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने औषधि विभाग को निर्देश दिया है कि बिहार में एलोपैथी व होमियोपैथी में आनेवाली नशीली दवाओं को चिह्नित कर मार्च तक पूरी तरह रोक लगावें.
औषधि विभाग के ड्रग कंट्रोलर रमेश कुमार के मुताबिक पटना सहित पूरे बिहार में होमियोपैथी की सभी दवा दुकानों पर 450 एमएल स्पिरिट से बनी दवाएं बेचने का कारोबार हो रहा है. अधिक स्प्रिट होने से कुछ लोग इसे नशे के लिए इस्तेमाल करते हैं. इसको देखते हुए विभाग ने ऐसी दवाओं पर रोक लगाने का निर्णय लिया है. औषधि विभाग के अनुसार होमियाेपैथी की सभी दवाएं पांच से 100 एमएल तक के पैक में बनी होनी चाहिए. इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में 100 एमएल और निजी क्लीनिक में 30 एमएल स्पिरिट में ही होमियोपैथी दवा बेची
जानी चाहिए.
शराबबंदी के तहत निर्णय
गौरतलब है कि एक अप्रैल से पूरे बिहार में शराब बंद कानून लागू किया गया है. ऐसे में नशेड़ी नशीली दवाओं का सेवन अधिक मात्रा में करना शुरू कर देंगे. नशे के सेवन को पूरी तरह से बंद करने के लिए 450 एमएल की होमियोपैथी दवाओं की बिक्री पर विभाग रोक लगाने जा रही है.
कानून तो बना, नहीं हुआ पारित इधर होमियोपैथिक दवा बिक्रेता संघ का कहना है कि सरकार 450 एमएल स्पिरिट दवा की बिक्री पर रोक तो लगा दी है, लेकिन उसे संसद ने पारित नहीं किया गया है. ऐसे में औषधि विभाग बिना कानून पारित किये उसे लागू करना चाहता है. बिहार राज्य होमियोपैथिक दुकानदार संघ के दाऊद अली सिंह के अनुसार औषधि विभाग दबिश देकर दुकानदारों की रोजी-राेटी छीनने का प्रयास कर रहा है.
परिषद की दलील
450 एमएल स्पिरिट से बनी होमियोपैथी दवा की बिक्री पर रोक का कानून संसद ने नहीं माना. इसके बावजूद औषधि विभाग इस कानून को मानता है. यही वजह है कि कुछ दवा विक्रेताओं ने छापेमारी के खिलाफ कोर्ट में केस किया है. कोर्ट व संसद से आदेश मिलने के बाद ही ऐसी दवाओं की बिक्री पर रोक लगनी चाहिए.
– एमके साहनी, अध्यक्ष, केंद्रीय होमियोपैथिक परिषद
विशेषज्ञ की राय
कोई भी दवा में जरूरत से अधिक अलकोहल डाला जाता है, तो वह नशे का काम करने लगती है. इससे स्वास्थ्य पर भी बुरा असर
पड़ता है. ऐसे में उन दवाओं की बिक्री पर रोक लगनी चाहिए,
जिसमें तय मात्रा से अधिक अलकोहल मिला हो.
– डॉ सुनील सिंह, उपाध्यक्ष, आइएमए
औषधि विभाग का तर्क
स्वास्थ्य विभाग के आदेश पर नशीली दवाओं की बिक्री पर रोक लगाने का क्रम जारी है. 450 एमएल स्पिरिट में बनी दवा की बिक्री पर रोक लगायी जा रही है. मार्च महीने तक पूरी तरह से बिक्री पर रोक लग जायेगी. जिलों में टीम बना कर छापेमारी की जा रही है.
– रमेश कुमार, ड्रग कंट्रोलर, औषधि विभाग

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