22.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

प्राइवेट प्रैक्टिस करनेवाले डॉक्टरों की नौकरी खतरे में

पटना: नॉन प्रैक्टिसिंग भत्ता लेने के बावजूद प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे आइजीआइएमएस के चिकित्सकों पर अब निगरानी की नजर रहेगी. स्वास्थ्य विभाग को ऐसे 84 चिकित्सकों की सूची मिली है, जो आइजीआइएमएस से बाहर दूसरे निजी संस्थानों को अपनी सेवा दे रहे हैं. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक ऐसे चिकित्सकों के विरुद्ध स्वास्थ्य विभाग कड़ा कदम […]

पटना: नॉन प्रैक्टिसिंग भत्ता लेने के बावजूद प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे आइजीआइएमएस के चिकित्सकों पर अब निगरानी की नजर रहेगी. स्वास्थ्य विभाग को ऐसे 84 चिकित्सकों की सूची मिली है, जो आइजीआइएमएस से बाहर दूसरे निजी संस्थानों को अपनी सेवा दे रहे हैं. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक ऐसे चिकित्सकों के विरुद्ध स्वास्थ्य विभाग कड़ा कदम उठाने जा रहा है. उनकी मानें, तो ऐसे सभी चिकित्सकों की सेवा खत्म भी हो सकती है. इसे लेकर कार्रवाई की रणनीति भी तैयार कर ली गयी है. सभी चिकित्सकों की रिपोर्ट तैयार कर उसका सत्यापन विभागीय रूप से कराया जा रहा है.

संस्थान में रहने का समय
नियमानुसार चिकित्सकों को साढ़े आठ बजे से साढ़े चार बजे तक संस्थान में रहना है. वहीं प्रशासनिक अधिकारियों को नौ बजे से पांच बजे तक रहना हैं.

इन जगहों पर जाते हैं चिकित्सक
अगमकुआं, गोलघर, राजा बाजार, महावीर कैंसर संस्थान के सामने फुलवारी, हाजीपुर, बक्सर, अनिसाबाद, राजेंद्र नगर, अशोक राजपथ स्थित नर्सिग होम, बहादुरपुर गुमटी स्थित नर्सिग होम, दादी मंदिर स्थित नर्सिग होम, राजेश्वर हॉस्पिटल, मगध हॉस्पिटल आदि जगहों पर.

कुछ चिकित्सक करते हैं नाम खराब
पहले से स्वास्थ्य विभाग व संस्थान निदेशक की ओर से दिये गये कड़े निर्देश के बावजूद आइजीआइएमएस के चिकित्सक निजी प्रैक्टिस कर रहे हैं. संस्थान में कुल 140 चिकित्सक हैं, जिनमें से 84 के निजी प्रैक्टिस में संलिप्त होने की जानकारी मिली है. संस्थान के चिकित्सकों को बाहर सेवा देने पर पूरी तरह से पाबंदी है. बाहर प्रैक्टिस करने वाले सभी चिकित्सक या तो किसी निजी नर्सिग होम में काम करते हैं या खुद का क्लिनिक खोल कर मरीजों का इलाज करते हैं.

संस्थान का नियमचिकित्सकों को नॉन प्रैक्टिीशिंग भत्ता दिया जाता है. संस्थान के नियमावली 1984 के तहत बिहार सरकार के द्वारा संस्थान को मेडिकल साइंस के क्षेत्र में उत्कृष्ट संस्थान घोषित किया है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली के तर्ज पर संस्थान के चिकित्सकों, पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को वेतन सहित अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं.

ऐसे चिकित्सकों की सूची तैयार की जा चुकी है, जो परिसर से बाहर भी अपनी सेवा देते हैं. ऐसे चिकित्सकों के खिलाफ कई शिकायतें भी पूर्व से आती रहती हैं, लेकिन अब इस समस्या का समाधान सख्ती से किया जायेगा .

– दीपक कुमार, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें