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सार्वजनिक मंदिरों का सर्वे कल से 1000 में से 285 मंदिरों ने ही कराया है निबंधन प्रहलाद कुमार पटना : बिहार हिंदू धार्मिक अधिनियम, 1950 के तहत सभी सार्वजनिक मंदिरों को बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद से निबंधन कराना है. इसके बावजूद पटना जिले के करीब 1000 मंदिरों में से केवल 285 ने ही निबंधन […]
सार्वजनिक मंदिरों का सर्वे कल से
1000 में से 285 मंदिरों ने ही कराया है निबंधन
प्रहलाद कुमार
पटना : बिहार हिंदू धार्मिक अधिनियम, 1950 के तहत सभी सार्वजनिक मंदिरों को बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद से निबंधन कराना है. इसके बावजूद पटना जिले के करीब 1000 मंदिरों में से केवल 285 ने ही निबंधन कराया है. निबंधन न कराने की स्थिति में मंदिर के ट्रस्टी को छह माह की सजा या जुर्माने का प्रावधान है. इसको लेकर सार्वजनिक मंदिरों का सोमवार से सर्वे किया जायेगा. सर्वे के माध्यम से मंदिरों की सूची तैयार की जायेगी.
आपराधिक मामलों में संलिप्त लोगों की होगी जांच
सर्वे के दौरान मंदिर के ट्रस्टी व कमेटी से मंदिर का पूरा ब्योरा लिया जायेगा. मंदिर में होने वाली पूजा, सभी पुजारी, कर्मी और संरक्षक की जानकारी ली जायेगी. चढ़ावे का क्या होता है, इसकी सूचना भी ली जायेगी. मंदिर के ट्रस्टी पर अगर कोई आपराधिक मामला है, तो उसके ऊपर न्यास को कार्रवाई करने को कहा जायोगा.
नियमानुसार किसी भी ऐसे व्यक्ति को मंदिर कमेटी में नहीं रखना होता है, जिनकी आपराधिक मामले में संलिप्तता हो. ऐसे लोगों के खिलाफ अब सख्ती से पेश आया जायेगा.
मंदिरों का निबंधन नहीं कराना अपराध
मंदिर का निबंधन नहीं कराना एक कानूनी अपराध है. निबंधन कराने की जिम्मेवारी ट्रस्टी की है. अगर वहां के स्थानीय नागरिक राज्य धार्मिक न्यास पर्षद में शिकायत करेंगे, तो ट्रस्टी पर कार्रवाई का भी प्रावधान है.
आचार्य किशोर कुणाल, अध्यक्ष, बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद
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