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फीस फिक्सेशन कमेटी होगी गठित, फीस में नहीं चलेगी स्कूलों की मनमानी
पटना: इस बार नये सेशन शुरू करने से पहले ट्यूशन फीस में बढ़ोतरी स्कूल को महंगी पड़ सकती है. फीस बढ़ाने के पहले स्कूलों को फीस फिक्सेशन कमेटी बनानी होगी. सूत्रों की मानें तो अब तक किसी भी स्कूल में यह कमेटी नहीं बनायी गयी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तमाम बोर्ड को यह […]
पटना: इस बार नये सेशन शुरू करने से पहले ट्यूशन फीस में बढ़ोतरी स्कूल को महंगी पड़ सकती है. फीस बढ़ाने के पहले स्कूलों को फीस फिक्सेशन कमेटी बनानी होगी. सूत्रों की मानें तो अब तक किसी भी स्कूल में यह कमेटी नहीं बनायी गयी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तमाम बोर्ड को यह निर्देश मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से दे दिया गया है. इतना ही नहीं, रेगुलेशन ऑफ कलेक्शन ऑफ फीस एक्ट 2009 के तहत कोई भी स्कूल अधिकतम पांच परसेंट ही फीस बढ़ोतरी कर सकता है.
मंत्रालय को होगी जानकारी
किस स्कूल ने कितना फीस बढ़ाया, बढ़ाने का कारण, कितने सालों पर फीस बढ़ाया गया आदि बातों की जानकारी फीस फिक्सेशन कमेटी के माध्यम से संबंधित बोर्ड को देना होगा. बोर्ड से इसकी जानकारी मंत्रालय लेगा. साथ में बोर्ड यह भी जानकारी देगा कि किस-किस स्कूल में फीस फिक्सेशन कमेटी बनायी गयी है. साथ ही अन्य मदों मेें लेनेवाले शुल्क के बारे में भी बोर्ड को जानकारी देना होगा. इसके अलावा साल में दूसरी बार फीस वृद्धि की जाती है तो इसके बारे में भी बोर्ड बतायेगा.
कमेटी में ये सदस्य रहेंगे
फीस फिक्सेशन कमेटी पांच
सदस्यीय होगी. कमेटी में स्कूल के प्रिंसिपल के अलावा चार और लोग शामिल होंगे. सदस्यों में एक पैरेंट्स-टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष, स्कूल के एलुमिनी एसोसिएशन के अध्यक्ष, चाइल्ड एसोसिएशन के अध्यक्ष और स्कूल के सबसे सीनियर टीचर शामिल होंगे. यही कमेटी नये सत्र के लिए फीस तय करेंगे. फीस वृद्धि क्लास के अनुसार होगी.
मरजी से बढ़ा देते हैं फीस
राजधानी पटना मेें हर साल प्रइवेट स्कूल अपनी मरजी से फीस बढ़ा देते हैं. ऐसे में हर साल अभिभावकों के ऊपर काफी प्रेशर होता है. कौन स्कूल, कितना फीस बढ़ायेगा, इसकी कोई जानकारी अभिभावकों को पहले से नहीं होती है. बस उन्हें मार्च में फाइनल एग्जाम होने के बाद लिस्ट थमा दी जाती है. इसमें स्कूल फीस के अलावा बुक और यूनिफाॅर्म की भी जानकारी होती है, जो संबंधित दुकानों से अभिभावकों को लेनी होती है.
कमेटी बनने से राहत
सारे स्कूलों में अगर यह कमेटी बनती है, तो काफी हद तक फीस बढ़ोतरी की मनमानी पर रोक लगेगी. अभी जो भी स्कूल फीस बढ़ाते हैं, उसकी माॅनीटरिंग करनेवाला कोई नहीं है. ऐसे में स्कूल फीस के नाम पर मनमानी करते हैं. लेकिन अब फीस फिक्सेशन कमेटी बनने से बोर्ड के पास भी इसकी जानकारी रहेगी. इससे अभिभावकों को राहत मिलेगी.
– डीके सिंह, अध्यक्ष, बिहार राज्य चाइल्ड वेलफेयर एसोसिएशन
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