पटना : शातिर दुर्गेश शर्मा अब भी पुलिस की पकड़ से दूर है. स्पेशल टीम, पटना से बाहर छापेमारी, मुखबिरों से सुरागकसी सब फेल साबित हुआ है. न तो उसका लोकेशन ही ट्रेस हुआ है और न ही उसकी गतिविधियां ही पुलिस को पता चल रही हैं. पुलिस का नेटवर्क अब तक काम नहीं आया है. पुलिस हांफती नजर आ रही है, वहीं आपरधिक संगठन न तो खौफ खा रहे हैं और न ही उनकी हरकतें ही रुकी हैं. रंगदारी मांगे जाने का खौफनाक सिलसिला जारी है. हाल में स्वर्ण व्यवसायी रविकांत की रंगदारी के लिए बेरहमी से हुई हत्या की घटना से लोगों में दहशत है और पुलिस अपराधियों को करारा जवाब नहीं दे पा रही है.
राजधानी में यह हालत तब है, जब एसएसपी मनु महाराज ने खुद ऑपरेशन विश्वास छेड़ रखा है. संगठित अपराध करने वाले गैंग उनके टारगेट पर हैं, उनके इशारे पर काम कर रहा है रंगदारी सेल, अपराधियों को पकड़ भी रहा है. लेकिन, इसमें केवल गुर्गे पकड़े जा रहे हैं, सरगना पकड़ से दूर हैं.
यहां बता दें कि 16 जनवरी की सुबह सरेराह राजापुल पर स्वर्ण व्यवसायी रविकांत की हत्या के बाद बेसब्री से दुर्गेश शर्मा की तलाश शुरू हुई थी. पुलिस के सामने यह बड़ी चुनौती थी. पुलिस ने इस ट्रैक पर काम किया और हत्या में शामिल सभी आरोपित पकड़ लिये गये, वहीं कुछ ने कोर्ट में सरेंडर कर दिये. लेकिन, असली खिलाड़ी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया. पकड़े गये अपराधियों ने कबूल किया कि दुर्गेश के कहने पर हत्या को अंजाम दिया गया. इसके बाद दुर्गेश शर्मा की गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनी.
एसएसपी मनु महाराज ने इसके लिए स्पेशल टीम गठित की. पटना और बिहार के बाहर टीम ने छापेमारी की पर दुर्गेश का सुराग नहीं मिला. रविकांत की हत्या को एक पखवारा बीत गया है, पर दुर्गेश का कहीं भी लोकेशन नहीं मिला है. दूसरी तरफ आपराधिक संगठन रंगदारी मांगने में पीछे नहीं हट रहे हैं.
बेअसर हुआ पुलिस का नेटवर्क
पुलिस के नेटवर्क और उसकी कार्रवाई बिल्कुल बेअसर दिख रही है. हाल के दिनों में कंकड़बाग इलाके में चिरैयाटांड़ पुल के पास किरण मेडिको के मालिक कुमुद रंजन और निर्मल कला मंदिर के पास ज्वेलर कमलेश से रंगदारी मांगी गयी है. पत्र के माध्यम से एक-एक लाख की रंगदारी मांगी गयी है और पत्र में जान से मार देने की धमकी देने के साथ लाल सलाम लिखा गया है. रंगदारी में मांगी गयी राशि को देख कर यह करतूत आपराधिक संगठन की मानी जा रही है. फिलहाल एक तरफ पुलिस की छानबीन और दूसरी तरफ अपराधियों के फरमान. व्यवसायियों में इसकाे लेकर आक्रोश भी है और दहशत भी.
दुर्गेश पर दर्ज हैं 30 मामले
जानकारी के अनुसार दुर्गेश शर्मा के खिलाफ पटना के छह थानों में 30 केस दर्ज हैं. इसमें पाटलिपुत्रा, कोतवाली, एसकेपुरी, राजीव नगर, बुद्धा कॉलोनी और दीघा थाना शामिल हैं. वह सन 2000 से अपराध जगत में सक्रिय है. पटना में हुए डॉक्टर भरत सिंह अपहरण कांड से दुर्गेश और उसका गैंग सुर्खियों में आ गया था. इसमें सुल्तान मियां, मुनचुन, उसके भाई चांदीलाल, भूषण, छोटा संतोष आदि शामिल थे. इसके बाद से वह फरार हुआ. 2010 में पटना पुलिस उसे दिल्ली से पकड़ कर लायी थी, लेकिन जेल में रहने के दौरान उसने हाइकोर्ट से फर्जी कागजात के आधार पर जमानत ले ली.