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देर से सेवा देनेवाले अफसरों पर 4.61 लाख का जुर्माना
पटना : बिहार लोक सेवाओं के अधिकार अधिनियम के तहत समय से सेवा प्रदान करने में कोताही करनेवाले अधिकारियों और कर्मियों पर गाज गिरी है. सेवा देने में विलंब करनेवाले पदाधिकारियों पर कुल 4 लाख 61 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया है. इनमें से तीन लाख रुपये की वसूली भी हो गयी है. इसके […]
पटना : बिहार लोक सेवाओं के अधिकार अधिनियम के तहत समय से सेवा प्रदान करने में कोताही करनेवाले अधिकारियों और कर्मियों पर गाज गिरी है. सेवा देने में विलंब करनेवाले पदाधिकारियों पर कुल 4 लाख 61 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया है. इनमें से तीन लाख रुपये की वसूली भी हो गयी है.
इसके साथ ही विलंब के 11188 मामलों में अपीलीय प्राधिकार के द्वारा अपील की सुनवाई भी शुरू की गयी है. आवेदन पेंडिंग रहने को गंभीरता से लेते हुए डीएम संजय अग्रवाल ने इसकी मॉनीटरिंग करने का फैसला किया. इसके बाद पटना जिला बिहार में 32वें से 15वें स्थान पर आ गया.
आवेदनों के निबटारे में सुधार होने से पेंडिंग आवेदन पत्रों की संख्या अब घट कर महज पांच हो गयी है. जब डीएम ने पद संभाला था, तो कुल 10718 आवेदन पेंडिंग थे. डीएम के निर्देश के बाद सभी एसडीओ और एलआरडीसी ने सो-मोटो अपील की कार्रवाई शुरू की.
यह हाल था नवंबर में
नवंबर महीने के अंत में जिले में पेंशन के 8864, मुख्यमंत्री कन्या विवाह के 573, एलपीसी के 89, दाखिल खारिज के 730, आवासीय प्रमाणपत्र के 6, आय प्रमाणपत्र के 4, जाति प्रमाणपत्र के 7 आवेदन पेंडिंग थे. एसडीओ पटना सदर द्वारा 4128 मामलों में, एसडीओ पटना सिटी द्वारा 1125, एसडीओ दानापुर द्वारा 2820, एसडीओ मसौढ़ी द्वारा 276, एसडीओ पालीगंज द्वारा 885 तथा एसडीओ बाढ़ द्वारा 877 मामलों में अपील की सुनवाई प्रारंभ की गयी है.
इसी तरह पटना सदर एलआरडीसी द्वारा 114 मामलों में पटना सिटी एलआरडीसी द्वारा 1, दानापुर एलआरडीसी द्वारा 540, मसौढ़ी एलआरडीसी द्वारा 48, पालीगंज एलआरडीसी द्वारा 308 तथा बाढ़ एलआरडीसी द्वारा 66 मामलों में अपील की सुनवाई शुरू की गयी है.
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