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विधायक व विधायकपति मामले में हो रहा है नाटक : सुशील मोदी

सुशील मोदी ने लगाया आरोप पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ट्रेन में महिला यात्री से छेड़खानी के आरोपित विधायक सरफराज आलम और थाने से कुख्यात अपराधी व अपने पति अवधेश मंडल को भगाने वाली विधायक बीमा भारती के खिलाफ कार्रवाई करने के मामले में सरकार नाटक कर रही है. […]

सुशील मोदी ने लगाया आरोप
पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ट्रेन में महिला यात्री से छेड़खानी के आरोपित विधायक सरफराज आलम और थाने से कुख्यात अपराधी व अपने पति अवधेश मंडल को भगाने वाली विधायक बीमा भारती के खिलाफ कार्रवाई करने के मामले में सरकार नाटक कर रही है.
नीतीश सरकार एक ओर जहां आरोपित विधायकों से पूछताछ करने तक की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है, वहीं पूरे मामले को रफा–दफा करने की साजिश में जुट गयी है. नीतीश कुमार बताएं, क्या सत्तारूढ़ दल के विधायकों व सांसदों को अपराध की खुली छूट और अपराधियों को संरक्षण देकर वे बिहार में कानून का राज लायेंगे.
मोदी ने कहा है कि गुवाहाटी–नयी दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस के ट्रेन सुपरिटेंडेंट साहिब सिंह ने नयी दिल्ली, डीआरएम ऑफिस के सीनियर डीसीएम को लिखे प्रार्थना पत्र में साफ तौर पर कहा है कि जदयू विधायक सरफराज आलम ट्रेन में बिना टिकट यात्र कर रहे थे और बार–बार मांगने के बावजूद टिकट नहीं दिखा सके तथा पटना स्टेशन पर उतरते समय महिला यात्री रुपसी कौर जो अपने पति इन्द्रपाल सिंह के साथ यात्रा कर रही थी, के साथ छेड़छाड़ कर अपने गनमैन और कुछ स्थानीय लोगों के साथ चले गये. इस मामले को दर्ज हुए तीन दिन हो गये मगर सरकार विधायक और गनमैन को गिरफ्तार करना तो दूर पूछताछ करने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रही है.
मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या एक दुखद घटना है. इससे पहले भी वहां के 5 छात्र ऐसा अतिवादी कदम उठा चुके हैं. रोहित ने सुसाइड नोट में अपने ही संगठन के गलत तत्वों से मिली हताशा का जिक्र किया. पूरा मामला एक छात्र संगठन और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच का था.
लालू पर मेहरबान हैं नीतीश : प्रेम
पटना. विधानसभा में विपक्ष के नेता डाॅ प्रेम कुमार ने कहा कि पिछले साल 27 जुलाई को राजद के बिहार बंद के दौरान सरकारी काम में बाधा डालने, सड़क जाम करने के आरोप का लालू प्रसाद समेत 262 लोगों पर दर्ज मुकदमा सरकार के द्वारा वापस लेना पक्षपातपूर्ण और गैर जिम्मेदाराना कार्रवाई है. मुख्यमंत्री ने ऐसा कर यह साबित कर दिया है कि वे लालू प्रसाद पर मेहरबान हैं.
मुकदमा वापस लेना है तो सिर्फ लालू प्रसाद के खिलाफ ही दर्ज मुक़दमा क्यों वापस लिया. बिहार में अन्य सारे राजनीतिज्ञों के खिलाफ दर्ज सारे राजनीतिक मुकदमों को वापस क्यों नहीं लिया गया. कानून का राज मेहरबानी और पक्षपात से नहीं चलता है .

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