स्वस्थ सेहत हजार नेमत के बराबरराज्यपाल ने लिया सम्मान समारोह में हिस्सासमाप्त हुआ तीन दिनों का हेल्थ एंड वेलनेस फेस्टिवललाइफ रिपोर्टर पटनापुरानी कहावत है, एक तंदरूस्ती हजार नेमत के बराबर है. ध्यान देने वाली बात यह है कि अाज के दौर में स्वस्थ रहने के लिए अपने स्तर पर जीवन को रूटीन में रखे. यह बातें राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने कही. श्री कोविंद ग्रामीण स्नेह फाउंडेशन की तरफ से तीन दिनों के लिए आयोजित हेल्थ एंड वेलनेस कैंप के अंतिम दिन अधिवेशन भवन में आयोजित सम्मान समारोह में हिस्सा ले रह थे. इससे पहले राज्यपाल ने इस आयोजन में हिस्सा लेने वाले अतिथियों का अंगवस्त्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया.वक्त निकाल कर करें योगअपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज के दौर में योग, व्यायाम को अपने जीवन का हिस्सा बनाये वक्त निकाल कर थोड़ा सा टहल लिया करें. खान-पान की आदतों के बारे में उनका कहना था कि फास्ट फूड का सेवन ना करें तो ही बेहतर है. आज के दौर में स्वास्थ्य को लेकर आये दिन चुनौतियां मिलती रहती है. ऐसे वातावरण में सकारात्मक सोच रखनी होगी अगर सोच सकारात्मक होगी तो दुनिया भी वैसी ही दिखेगी. राज्यपाल ने वैसे लोगों जिन्होंने कैंसर से जंग लड़ कर दुबारा वापसी की है, के बारे में कहा कि मन के हारे हार है और मन के जीते जीत. इन सभी ने कैंसर पर विजय इसलिए हासिल किया क्योंकि इन्होंने कभी हार नहीं मानी. देश में कैंसर के लगातार भयावह होते आंकड़ों पर प्रकाश डालते हुए उन्हाेने कहा कि आज दुनिया में करोड़ों लोग इससे ग्रसित हो रहे हैं. इसमें हर साल करीब 90 लाख की संख्या जुट रही है. भारत में करीब 34 प्रतिशत कैंसर धूम्रपान की वजह से हो रहा है. समाज के सुविधा संपन्न वर्ग तो इसका खर्च उठा ले रहा है लेकिन गरीब जनता को काफी परेशानी हो रही है. ग्रामीण स्नेह फाउंडेशन के कार्यों की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि अगर फाउंडेशन ऐसे लोगों की मदद करेगा तो बेहतर होगा. राज्यपाल ने इस मौके पर राज्य के स्वास्थ्य संस्थानाें में कैंसर के इलाज के लिए आधुनिक सुविधाओं पर जोर दिया. चार हजार साल पहले भी पाया गया था रोगअधिवेशन भवन में आयोजित पैनल डिस्कशन में हृदय रोग पर प्रजेन्टेशन देते यूएसए से आये डॉक्टर डाक्टर जगत नरुला ने कहा कि हृदय रोग की वजह कालेस्ट्रोल ,स्मोकिंग, हाई बी.पी, डायबीटीज महत्वपूर्ण है. आज से करीब चार हजार साल पहले के ममी में हृदय रोग पाया गया. यह तथ्य एक रिसर्च में सामने आया था. इसकी वजह क्योंकि वे लोग भी खाने में मांसाहार पर प्रयोग ज्यादा करते थे. हमेशा आराम की मुद्रा में रहते थे. इसके अलावा कई जगह के ममी में धुएं की वजह से भी हृदय रोग हुआ है. इसके बाद हमने पेरू, एलुसन आइलैंड जगहों पर रिसर्च किया. हर जगह किसी ना किसी कारण से हृदय रोग के कारण मिले. इसके बाद वुलेवियन जंगल में रहने वाले लोगों में पर रिसर्च किया गया. जिसमें हृदय रोग नहीं पाया गया क्योंकि वे आज भी शिकार पर नर्भिर हैं, उनका शरीर सक्रिय रहता है. हेल्दी तरीके से जीने से आप उम्र फैक्टर को भी पार कर जायेंगे. पैनल डस्किशन को मोडरेट करते हुये एनडीटीवी के रविश कुमार ने कहा कि कैंसर की बात तब क्यों करते हैं जब कोई करीबी कैंसर से मरता है, हम उन लाखों में क्यों नहीं अपने को देखते हैं जो कैंसर से पीडित है? इस मौके पर उन्होंने मीडिया की नियत और काबिलियत पर भी सवाल उठाया. डाॅक्टर जगत नरुला ने अपनी बात रखते हुये कहा कि कैंसर हो जाना हमारी असफलता है, बड़े – बड़े देश अब पहले ही जागरूक हो रहे हैं. आइएमए के वीपी डॉक्टर जेके सिंह ने कहा कि स्कूल और कालेज में स्वास्थ्य से संबंधित जागरूकता की पढाई होनी चाहिये. अमेरिका में सख्ती से लागू है कि आप इधर- उधर धूम्रपान नहीं कर सकते हैं. वरीय न्यूरो फिजिशिसन डॉक्टर विनय कारक ने डिस्कशन में हिस्सा लेते हुए कहा कि कैंसर न होने देने में मीडिया का बड़ा रोल हो सकता है. डब्बा बंद फूड, तेल, अाचार में जो केमिकल्स होते हैं वो खतरनाक होते हैं. ग्रामीण स्नेह फाउंडेशन की प्रमुख स्नेहा राउत्रे ने कहा कि आज भी हमारे समाज में कैंसर को लेकर डर है, लोग समझते हैं कि कैंसर हुआ तो गया इसलिये जांच की पहल नहीं करते. टीवी सीरियल में सिनेमा में कैंसर पर इंस्पीरेशनल स्टोरी आनी चाहिये. कैंसर ठीक होने के बाद के जीवन को भी दिखाना चाहिये. कार्यक्रम में तीन दिनों से हिस्सा ले रही मनीषा कोइराला ने कहा कि स्क्रीनिंग लोगों के लिये मंहगा है इसलिये इसमें सरकार को लोगों की आर्थिक मदद करना चाहिये. साथ ही हम जीवन शैली में बदलाव कर के बीमारी से दूर रह सकते हैं.हंसने से मजबूत होता है इम्यून सिस्टमपैनेल के दूसर सत्र में बोलते हुये बंगलुरू के लाफ्टर योगा यूनिवर्सिटी के डाक्टर मदन कटारिया ने कहा कि हंसने से हमारा इम्युन सस्टिम मजबूत होता है. बीमारी का मूल कारण बाॅडी के सेल्स में आक्सीजन में कमी की वजह से होता है. हंसने से सेल्स में आक्सीजन भरता है. रोज 15-20 मिनट हंसने से स्वस्थ रहेंगे. परिवर्तन सेंटर फॉर मेडिकल हेल्थ के डाक्टर अवधेश शर्मा ने कहा कि आज जो अल्टर्नेटिव साईंस है पहले मेन था. हमें जिंदगी को को रोज एक उत्सव के रूप में मनाना चाहिये. एक साथ कई पैथी की दवा ली जा सकती है. शरीर केवल शरीर ही नहीं बल्कि देह, मन और आत्मा का मिलन है. मन को आज मे रखें, क्या खा रहे हैं से ज्यादा हमें क्या खा रहा है उसके बारे में सोचे. वर्ल्ड यूनाटेड डाक्टर्स एंड हीलर्स के डेरिल डी,सूजा ने कहा कि अच्छा विचार अच्छा सोच हमें स्वस्थ्य रखताहै. वहीं इंस्टीट्यूट अाॅफ हिप्नोथेरापी की डॉक्टर प्रीती गुप्ता ने कहा कि हर चीज को प्रेम और करूणा से देखो. आपके भीतर बीमारियां कम होगी.देश के पहले म्यूजिक थेरापिस्ट डाक्टर भास्कर खांडेकर ने कहा कि संगीत स्वास्थ्य का बहुत ही अच्छा माध्यम है. मैं लोगों को संगीत सुनाता हूं और खुश रहने को कहता हूं.सबसे ऊपर है नृत्य योगडिस्कशन के बाद आयोजित कार्यक्रम में विशेष मोटिवेशनल स्पीच देते हुए विख्यात नृत्यांगना सोनल मान सिंह ने कहा कि आपका अपना जो काम है कर्तव्य है वो शरीर से ही पा सकते हैं. भारतीय परंपरा की नृत्य शैली में सबसे ऊपर का योग है. नृत्य में सारे अंग तन मन एकाग्र हो जाता है. लाफ्टर गुरू ने ली विशेष क्लासइससे पहले अपने विशेष आयोजन में डॉक्टर मदन कटारिया ने लोगों को हंसते-हंसते रोक पर काबू करने के बारे में विशेष जानकारी दी. उनके इस कार्यक्रम का लोगों ने विशेष रूप से आनंद उठाया. इसके अलावा तीसरे और अंतिम दिन बांसुरी पर मुज्तबा हुसैन ने बांसुरी और डॉक्टर श्याम मोहन ने तबले पर कल्चरल प्रोग्राम को प्रस्तुत किया.
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स्वस्थ सेहत हजार नेमत के बराबर
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