पटना: राजधानी का आर ब्लॉक गेट लगातार तीसरे दिन प्रदर्शनकारियों के कारण बंद रहा. आधा दर्जन संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर हार्डिग रोड पर धरना-प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे लगाये. इसकी वजह से बुधवार को भी शहर के प्रमुख मार्गो पर ट्रैफिक की स्थिति अस्त-व्यस्त रही. पटना जंकशन गोलंबर, न्यू मार्केट, फ्रेजर रोड, मीठापुर आरओबी, बुद्ध मार्ग, एक्जीबिशन रोड, तारामंडल, अमरनाथ पथ सहित कई सड़कों पर गाड़ियों की भीड़ दिखी. हालांकि, ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी व जवान कई प्वाइंटों पर खुद खड़े होकर यातायात को सुचारु रखने का प्रयास करते दिखे. बुधवार को भी आर ब्लॉक चौराहा प्रदर्शनकारियों का केंद्र बिंदु बना रहा.
कूड़ेदान को बना लिया रास्ता
आर ब्लॉक गेट बंद होने के कारण रेलवे स्टेशन जानेवाले अधिकतर लोगों ने कूड़ेदान को ही रास्ता बना लिया. आर ब्लॉक के सामने गली से होते हुए कूड़े के ढेर में उतर कर कई लोग रेलवे स्टेशन की तरफ जाते दिखे.
दीवार फांदने में कई घायल
समय बचाने और प्रदर्शन में शामिल होने के लिए कई प्रदर्शनकारियों ने दीवार फांदने की कोशिश की. इससे कई लोग घायल हो गये. स्थानीय लोगों ने घायलों को उठा कर प्रदर्शन स्थल तक जाने का रास्ता बताया.
ऑटो चालकों ने की मनमानी
आर ब्लॉक चौराहा पिछले तीन दिनों से प्रदर्शन का केंद्र बना हुआ है. इसकी जानकारी राजधानीवासियों के साथ ऑटो चालकों को अच्छी तरह है. लेकिन एम्स और अनिसाबाद से रेलवे स्टेशन जानेवाले लोगों को ऑटो चालक आर ब्लॉक पर रास्ता बंद होने की बात कहते हुए छोड़ देते हैं. लेकिन पैसा पूरा वसूलते हैं.
सिर पर बैग, कंधे पर बच्चा
गेट बंद होने के कारण पटनावासियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. लोग सिर पर सामान रख कंधे पर छोटे बच्चों को बैठा कर अधूरा रास्ता तय कर रहे हैं.
स्टेशन का किराया 60 रुपये
समय पर ट्रेन पकड़ने की हड़बड़ाहट का फायदा रिक्शा वाले भी उठा रहे हैं. वे लोगों के कपड़े और बातचीत के आधार पर रिक्शे का किराया तय कर रहे हैं. स्टेशन जाने के लिए प्रति सवारी 60 रुपये तक वसूल रहे हैं.
एक तरफ मार्केट दूसरी तरफ नारेबाजी करते लोग. उनके बीच जेल की तरह गेट बंद है. प्रदर्शनकारी बंद गेट से ही दुकानदारों से चाय और नाश्ता मंगा कर खा-पी रहे हैं.
मिट्टी के बरतन का उपयोग
प्लास्टिक और जूठे बरतन से बचने के लिए अधिकतर प्रदर्शनकारी फुटपाथ पर मिट्टी का सामान बेचने वाले से बरतन खरीद कर उसका इस्तेमाल कर रहे हैं.