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नीतीश की मंशा किसानों से धान खरीद की नहीं
पटना : भाजपा नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश सरकार की मंशा किसानों से धान खरीदने की नहीं है. सरकार ने जान-बूझ कर खरीदे गये धान की मिलिंग से लेकर खरीद के लिए इतनी कम राशि जारी की है कि पैक्स एक खेप के बाद धान की खरीद न कर […]
पटना : भाजपा नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश सरकार की मंशा किसानों से धान खरीदने की नहीं है. सरकार ने जान-बूझ कर खरीदे गये धान की मिलिंग से लेकर खरीद के लिए इतनी कम राशि जारी की है कि पैक्स एक खेप के बाद धान की खरीद न कर पाये और विवश होकर किसानों को औने–पौने दाम पर अपना धान बिचौलियों को बेचना पड़े. बार–बार की मांग के बावजूद सरकार ने अब तक धान खरीद पर किसानों को बोनस देने की घोषणा नहीं की है. इससे साफ है कि गैर चुनावी वर्ष होने की वजह से सरकार किसानों की उपेक्षा कर रही है.
इधर, भाजपा ने बुधवार को इस मुद्दे को लेकर प्रखंड मुख्यालय में धरना दिया. खरीदे गये धान की मिलिंग के लिए इस साल सरकार ने अजीबोगरीब अव्यावहारिक व्यवस्था की है.
सरकार की व्यवस्था से मिलर परेशान हैं. पहले मिलर धान की मिलिंग के लिए राज्य खाद्य निगम से एकरारनामा कर बैंक गारंटी देते थे. नयी व्यवस्था के तहत मिलरों को अनेक पैक्सों के साथ अलग–अलग एकरारनामा और अलग–अलग बैंक गारंटी देना होगा. नतीजतन अब तक बिहार में न तो एक भी मिलर के साथ
एकरारनामा हुआ है और न ही पैक्सों के साथ उनकी टैगिंग हुई है. सरकार ने धान खरीद के लिए मात्र 600 करोड़ रुपये को-ऑपरेटिव बैंकों के जरिये पैक्सों को उपलब्ध कराया है.
प्रत्येक पैक्स को बमुश्किल 5 से 6 लाख रुपये ही मिल पायेंगे, जिससे वे एक खेप में करीब 400 क्विंटल धान की खरीद कर पायेंगे. दूसरी खेप की खरीद के लिए उन्हें 20 से 25 दिन का लंबा इंतजार करना पड़ेगा। पहली खेप का धान मिलिंग के बाद चावल के तौर पर जब राज्य खाद्य निगम में जमा होगा तब उन्हें दूसरी खेप के लिए राशि मिलेगी. इस प्रकार एक पैक्स खरीद की तय समय सीमा में मात्र तीन बार ही धान की खरीद कर पायेंगी.
पैक्सों द्वारा धान नहीं खरीदे जाने की स्थिति में जरूरतमंद किसानों को बिचौलियों के हाथों औने–पौने दाम में अपना धान बेचने के लिए विवश होना पड़ेगा. वहीं,धान खरीद शुरू हुए एक महीना होने के बावजूद कहीं भी किसानों को अब तक भुगतान शुरू नहीं हुआ है जबकि 24 घंटे के अदर भुगतान करने का वादा किया गया है.
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