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बैंक तैयार करें सुरक्षा प्रोटोकॉल : मुख्यमंत्री
राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की 54वीं बैठक पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैंकों को अपनी सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने की सलाह दी है. साथ ही उन्होंने कहा कि इसमें सरकार और पुलिस के स्तर पर जो भी मदद चाहिए, वह मिलेगी. जहां जितनी सुरक्षा की जरूरत होगी, वह मुहैया करायी जायेगी. पुलिस अपना […]
राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की 54वीं बैठक
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैंकों को अपनी सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने की सलाह दी है. साथ ही उन्होंने कहा कि इसमें सरकार और पुलिस के स्तर पर जो भी मदद चाहिए, वह मिलेगी.
जहां जितनी सुरक्षा की जरूरत होगी, वह मुहैया करायी जायेगी. पुलिस अपना काम करेगी, लेकिन बैंकों को भी उन्नत तकनीक के सहारे अपनी सुरक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करने की जरूरत है. इसके लिए वर्तमान सुरक्षा व्यवस्था की सभी बैंकों को ऑडिट या मूल्यांकन करना चाहिए, जिससे पता चले कि कहां क्या कमी है. मुख्यमंत्री बुधवार को राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी)की 54वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने बैंकों को एक अप्रैल से शुरू होने जा रही स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड (एससीसी), सेल्फ हेल्प एलाउंस समेत अन्य अहम योजनाओं के लिए तैयारी पूरी कर लेने का टास्क भी सौंपा.
उन्होंने कहा कि बैंकों की सुरक्षा के लिए सरकार संजीदा है. सुरक्षा के इंतजाम ऐसे हों कि घटनाएं ‘रेअर ऑफ रेयरेस्ट’ हो. पुलिस व बैंकों दोनों को इसे चुनौती के रूप में लेना होगा. बैंकों को सीसीटीवी, वॉर्निंग अलार्म समेत अन्य आधुनिक तकनीकों का उपयोग करना चाहिए. प्रत्येक बैंक शाखा के लिए न्यूनतम मानक तय करके ‘सुरक्षा प्रोटोकॉल’ तैयार किया जाये. इसका उल्लंघन करनेवालों पर कड़ी कार्रवाई की जाये. उन्होंने कहा कि आनेवाले समय में साइकिल-पोशाक, पेंशन, छात्रवृत्ति समेत तमाम योजनाओं के रुपये लाभुकों के खाते में सीधे ट्रांसफर होंगे. इसके लिए बैंकों का सुदृढ़ होना बेहद जरूरी है.
राज्य का जीइआर बढ़ाना मुख्य लक्ष्य
नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य का ग्रॉस इनरॉलमेंट रेशियो (10वीं के बाद 12वीं या इससे ऊपर की पढ़ाई करनेवालों की संख्या ) महज 13 प्रतिशत है. उच्चतर शिक्षा प्राप्त करनेवाले छात्रों की संख्या जल्द ही 50 फीसदी करने की जरूरत है. इसके मद्देनजर स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड जैसी योजना बेहद महत्वपूर्ण है. इसमें छात्रों को चार लाख तक का ऋण और कार्ड दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि शिक्षा ऋण नहीं दिया जाता है, ताकि ये एनपीए नहीं हो. पर, यह समीक्षा करने की जरूरत है कि बैंक ऋण का किस सेक्टर में ज्यादा नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) हो रहा है.
16 में से 12 बैंक डकैतियों का हो चुका है खुलासा
राज्य में 2015 में 16 बैंक डकैतियां हुईं. इनमें 10 डकैती और 6 लूट की घटनाएं हैं. लूट की छह वारदातों में तीन का उद्भेदन कर लिया गया है, जिनमें 13 की गिरफ्तारी हुई. 10 डकैतियों में से नौ का परदाफाश कर दिया गया है, जिनमें 38 की गिरफ्तारी हो चुकी है. इस तरह 16 बैंक वारदातों में 12 का खुलासा कर दिया गया है, जिनमें अब तक 51 अपराधियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
सामान्य ग्रेजुएट को ऋण नहीं देते बैंक
सीएम ने कहा िक इंजीनियरिंग व मेडिकल के छात्रों को मुश्किल से िशक्षा ऋण मिल भी जाता है, पर सामान्य ग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट करनेवालों को बैंक ऋण नहीं देते. यह गलत है. किसी बैंकिंग नियमावली में ऐसा नहीं लिखा है. छात्रों को एजुकेशन ऋण दें बैंक, सरकार गारंटी लेने को तैयार है.
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