पटना: नये वित्तीय वर्ष से बिजली की दर कितनी हो, इसके लिए बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने आम लोगों से सुझाव मांगे हैं. बिजली कंपनियों से टैरिफ का प्रस्ताव लेने के बाद आयोग ने आम लोगों के अलावा औद्योगिक संगठनों से भी राय लेने का निर्णय लिया है. इसके लिए तिथि निर्धारित कर दी गयी है. दिसंबर से फरवरी के बीच उपभोक्ता प्रमंडलवार जन सुनवाई शिविर में अपनी बात रख सकेंगे.
20 से शुरू होगी सुनवाई : भागलपुर प्रमंडल में पहली जन सुनवाई 20 दिसंबर को होगी. अंतिम सुनवाई 12-13 फरवरी को पटना में होगी. बिजली कंपनी भी आयोग के समक्ष टैरिफ पर अपनी राय रखेगी. नौ व 10 जनवरी को विनियामक आयोग के कार्यालय में बिजली कंपनी की सभी इकाइयों को आमंत्रित किया गया है. विनियामक आयोग के कार्यालय परिसर में दो दिनों तक आम लोगों के साथ बीआइए, बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स व सीआइआइ जैसे औद्योगिक संगठनों के अलावा समूह में भी उपभोक्ता प्रस्तावित टैरिफ पर विचार रख सकेंगे. सभी से सलाह के बाद आयोग बिजली कंपनी के आय-व्यय, तकनीकी हानि सहित अन्य मामलों पर नये टैरिफ का निर्धारण करेगा. विनियामक आयोग के अधिकारियों की मानें तो 15 मार्च, 2014 तक वित्तीय वर्ष 2014-15 का टैरिफ निर्धारण हो जायेगा. नया टैरिफ एक अप्रैल से प्रभावी होगा.
58.4 प्रतिशत टैरिफ वृद्धि का प्रस्ताव : बिजली कंपनी ने औसतन 58.4 प्रतिशत टैरिफ वृद्धि का प्रस्ताव दिया है. नॉर्थ व साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने 50 प्रतिशत टैरिफ वृद्धि का प्रस्ताव दिया है. गैर घरेलू कनेक्शन के लिए भी 50 प्रतिशत टैरिफ वृद्धि का प्रस्ताव दिया गया है. सिंचाई व कृषि सेवा के लिए भी ग्रामीण इलाके में 50 प्रतिशत व शहरी क्षेत्र के लिए 43 प्रतिशत निर्धारण किया गया है. कंपनी ने कहा है कि खरीद मूल्य में वृद्धि के कारण ही टैरिफ वृद्धि का प्रस्ताव देना पड़ा है. विगत वर्ष बिजली कंपनी ने एनटीपीसी को 200 करोड़ रुपये अतिरिक्त भुगतान किया है. दोनों वितरण कंपनियों ने सितंबर, 2013 में 633.98 करोड़ खर्च किया. आय मात्र 360.64 करोड़ हो सकी है. कंपनी को 274.34 करोड़ का नुकसान हुआ है. वर्तमान व्यवस्था में राज्य सरकार के अनुदान पर ही बिजली कंपनी निर्भर है.