पटना: मेयर अफजल इमाम ने नगर आयुक्त कुलदीप नारायण पर आरोप लगाया है कि उनके पदभार ग्रहण करने के बाद स्थायी समिति व निगम बोर्ड की दर्जनों बैठकें हुई हैं. उन बैठकों में लिये गये एक भी निर्णय पर अमल नहीं हो सका है. नगर आयुक्त मेरी बात सुनें, तब तो शहर में नागरिक सुविधाएं दिखें.
समीक्षा में भी स्पष्ट जवाब नहीं मिलता : मेयर ने कहा, स्थायी समिति व बोर्ड की बैठक में कोई योजना स्वीकृति होती है, तो उससे संबंधित पूरी जानकारी संलेख में रहती है, ताकि योजना लटके नहीं. 72 वार्डो के सभी खुले मैनहोलों व कैचपीटों को ढकने के लिए एक करोड़ आठ लाख रुपये की स्वीकृति पांच माह पहले दी गयी, लेकिन अब तक एक भी मैनहोल व कैचपीट ढका नहीं गया है. स्लम बस्ती विकास योजना, यूरिनल बनाने की योजना, प्रत्येक वार्ड में दस-दस लाख की योजना, प्रत्येक वार्ड में 50-50 सीएफएल बनाने की योजना का भी यही हाल है. मेयर ने कहा कि इन योजनाओं के लिए निगम में पर्याप्त राशि है, लेकिन नगर आयुक्त पूरा करना नहीं चाहते हैं. उन्हें हर बैठक में याद दिलायी जाती है, इसका साक्ष्य बैठकों की प्रोसेडिंग है.
सीएम को लिखा पत्र : पिछले दिनों मैनहोल में गिर कर महिला की हुई मौत पर मेयर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया कि पांच माह पहले योजना को पूरा करने के लिए राशि स्वीकृत कर दी गयी. इसके बावजूद अब तक योजना पूरी नहीं हुई है. उन्होंने नगर आयुक्त पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा है कि वे जनहित की योजनाओं पर गंभीर नहीं हैं. उन पर कार्रवाई हो.
निजी स्वार्थ के लिए दे दी विज्ञापन लगाने की मंजूरी
स्थायी समिति की बैठक की कार्यवाही की फाइल को लेकर एकबार फिर मेयर व नगर आयुक्त में ठन गयी है. 19 नवंबर को हुई स्थायी समिति की बैठक की कार्यवाही रिपोर्ट अब तक मेयर के पास नहीं पहुंची है, जबकि पांच दिसंबर को फिर बैठक होनी है. हर बैठक में पिछली बैठक की कार्यवाही की संपुष्टि की जाती है.
रिपोर्ट नहीं मिलने से इसे सदस्यों के बीच वितरित नहीं किया जा सका है. मेयर अफजल इमाम ने मंगलवार को नगर आयुक्त कुलदीप नारायण को इस सिलसिले में पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने कहा है कि निजी स्वार्थ को लेकर आपने एक अंगरेजी अखबार को 10 बस स्टॉपों पर विज्ञापन लगाने की स्वीकृति दी थी. इस स्वीकृति को स्थायी समिति की बैठक में रद्द कर दिया गया और शीघ्र कार्रवाई का आदेश दिया गया. लेकिन, आपने अब तक कार्यवाही की फाइल को अपने पास रखा है. मेयर ने 24 घंटे में यह स्पष्ट करने को कहा है कि कार्यवाही पर हस्ताक्षर करने में विलंब क्यों हुआ.