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‘बेकार’ जमीन पर बनेगा बाजार
मछुआ टोली व खेतान मार्केट के समीप खाली जमीन पर अपने संसाधन से मार्केट बनायेगा नगर निगम प्रभात रंजन निगम की खाली पड़ी मछुआ टोली और खेतान मार्केट के समीप की जमीन पर मार्केट बनाया जायेगा. मेयर अफजल इमाम ने इसको लेकर निगम एकाउंट में पड़े 120 करोड़ रुपये के हिसाब की अलग-अलग मदों में […]
मछुआ टोली व खेतान मार्केट के समीप खाली जमीन पर अपने संसाधन से मार्केट बनायेगा नगर निगम
प्रभात रंजन
निगम की खाली पड़ी मछुआ टोली और खेतान मार्केट के समीप की जमीन पर मार्केट बनाया जायेगा. मेयर अफजल इमाम ने इसको लेकर निगम एकाउंट में पड़े 120 करोड़ रुपये के हिसाब की अलग-अलग मदों में गणना करवानी शुरू कर दी है. सूत्रों के मुताबिक निगम एकाउंट में करीब पड़े 10 करोड़ रुपये का उपयोग दोनों स्थानों पर मार्केट बनाने में किया जा सकता है. गौरतलब है कि दोनों स्थानों पर निगम की करीब तीन-तीन एकड़ जमीन है, जिसका कोई उपयोग नहीं हो रहा है. मार्केट बनने से निगम को भी आमदनी होगी.
अपने पैसे का उपयोग
दोनों भूखंडों पर मार्केट बनाने के लिए किसी एजेंसी चयनित करने के लिए टेंडर नहीं निकाला जायेगा. मेयर का मानना है कि टेंडर निकाल कर मार्केट तैयर करने में अधिक राशि की जरूरत होगी और उसके लिए सरकार पर निर्भर रहना होगा. निगम एकाउंट में रखी हुई राशि की गणना होने के बाद मार्केट का प्रारूप तैयार किया जायेगा और प्रस्ताव बनाया जायेगा. इसे स्थायी समिति व निगम बोर्ड की बैठक में रखा जायेगा. यहां से मंजूरी के बाद मार्केट का निर्माण शुरू कर दिया जायेगा. निगम अपने अभियंताओं की टीम से इसका निर्माण करवायेगा.
योजना हो चुकी है फेल
मछुआ टोली स्थित भूखंड पर 2000 में भी मार्केट बनाने की योजना बनी थी. इसे पूरा करने के लिए हुडको से 1.71 करोड़ रुपये का ऋण भी लिया गया. इसके साथ ही मार्केट बनाने की जिम्मेवारी सुजाता कंस्ट्रक्शन नामक एजेंसी को दी गयी. एजेंसी ने काम शुरू करते हुए फाउंडेशन किया, लेकिन भुगतान के अभाव में काम ठप पड़ गया. इसके बाद कभी काम शुरू नहीं किया गया. आलम यह हुआ कि निगम को हुडको को करीब तीन करोड़ रुपये देने पड़े.
जल्द शुरू होगा काम
निगम के पास राजस्व उगाही का केवल एक संसाधन है, जिससे सिर्फ कर्मचारियों के वेतन भुगतान किया जाता है. राजस्व के स्रोत बढ़ाने के लिए दो स्थानों पर
मार्केट बनायेंगे. इसको लेकर शीघ्र प्रस्ताव को स्थायी समिति व बोर्ड में मंजूरी के लिए पेश करेंगे.
अफजल इमाम, मेयर, पटना नगर निगम
इधर, जल्द होगी बकरी बाजार की नापी
पटना : 70 के दशक में पटना क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (पीआरडीए) ने स्कीम-दो नामक योजना तैयार की थी, जिसमें करीब 26 एकड़ भूखंड को विकसित करना था. इसमें जेल की जमीन से लेकर जीपीओ तक के भूखंड को भी शामिल किया गया था. इस भूखंड पर चंद्रलोक मार्केट का निर्माण कराया जाना था, जो अब तक फाइलों में ही दबी है. हालांकि, जेल की जमीन पर बुद्ध स्मृति पार्क का निर्माण कराया गया और इसके बाद शेष करीब सात एकड़ भूखंड पर लोगों का कब्जा है.
निगम के सूत्र बताते हैं कि बकरी बाजार भूखंड के मालिकाना हक को लेकर विवाद है. नगर आवास विकास विभाग के प्रधान सचिव के निर्देश पर जंकशन स्थित बकरी बाजार के भूखंड की नापी की कवायद निगम प्रशासन ने शुरू कर किया है.
नापी को लेकर गठित करेगा दल
नगर आयुक्त शीर्षत कपिल अशोक ने डीएम को पत्र भेजा है, जिसमें कहा है कि योजना-दो में बुद्ध स्मृति पार्क के अतिरिक्त भूखंड की नापी की जानी है. यह निर्णय सदर अंचलाधिकारी व भूमि सुधार उप समाहर्ता की उपस्थिति में ली गयी है. योजना-दो के भूखंड की नापी को लेकर अपने स्तर से दल गठित की जाये, जिसमें निगम के दो प्रारूपक को भी तैनात किया गया है.
विवादों में ही फंसी रह गयी योजना
योजना-दो अपने शुरुआती दिनों से ही विवादों में घिरी है, इसलिए आज तक पूरी नहीं हो सकी है.पीआरडीए व निगम प्रशासन ने बकरी बाजार जमीन को खाली करने को लेकर अभियान शुरू किया, तो दुकानदारों ने विरोध कर दिया. इसके बाद अभियान रुक गया और फिर हाइकोर्ट में भी याचिका दायर की. इसके साथ ही योजना-दो में 15 दुकानदारों को विस्थापित करना था, जिसे विस्थापित करने के लिए जमीन नहीं दी गयी. इन दुकानदारों ने भी हाइकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें हाइकोर्ट ने दुकानदारों के पक्ष में फैसला सुनाया है.
अब स्थिति यह है कि बकरी बाजार के भूखंड पर पीडब्लूडी विभाग मालिकाना हक कर रहा है, जिससे निगम के हाथ बंध गये हैं. पीडब्लूडी विभाग ने पर्ल सिनेमा के भूखंड की भी घेराबंदी कर ली है, जिससे करीब सात एकड़ भूखंड पर जैसे-तैसे दुकानदार अब भी बसे हुये हैं.
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