लाखों भूमिहीनों को नहीं मिल सका जमीन पर वास्तविक दखल:मालेसंवाददाता,पटनामाले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि अदालत में सरकार द्वारा पर्चाधारियों के पक्ष में उचित पैरवी व पर्चाधारियों को पक्षकार नहीं बनाये जाने की वजह से सीलिंग के कई मामले अब तक उलझे हुए हैं. उन जमीनों पर अब तक पर्चाधारियों को दखल कब्जा मिल जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि सरकार कह रही है कि भूस्वामी सीलिंग एक्ट की धारा 45 बी का दुरूपयोग कर रहे हैं. सरकार व भूमि सुधार विभाग को ऐसे मामलों में श्वेत पत्र जारी करना चाहिए. उन मामलों को सार्वजनिक करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सीलिंग एक्ट को और प्रभावी तरीके से लागू किया जाए .ताकि भूस्वामी उसका नाजायज फायदा न उठा सके. जब अदालत में इस तरह का कोई मामला खुलता है तो उसमें पर्चाधारी पक्षकार होते ही नहीं है, उनकी तरफ से सरकार लड़ती है. लेकिन सरकार पर्चाधारियों के पक्ष में उचित पैरवी नहीं करती है और अधिकांश मामले में मुकदमा हार जाती है. इससे लाखों भूमिहीन को जमीन मिलने पर भी वास्तविक दखल नहीं मिल सका है. सरकार ने जिस जमीन को एक बार सीलिंग एक्ट के दायरे की जमीन घोषित कर दी है, उसे इस अदालती पचड़े से बाहर रखा जाये. उन्होंने आगे कहा कि सरकार में भूमि सुधार की सिफारिशों को लागू करने की इच्छाशक्ति का अभाव रहा है. भूस्वामियों के दवाब में नीतीश सरकार अपने ही द्वारा गठित बंद्योपाध्याय आयोग की सिफारिशों को लागू करने से इंकार कर दिया.
लाखों भूमिहीनों को नहीं मिल सका जमीन पर वास्तविक दखल:माले
लाखों भूमिहीनों को नहीं मिल सका जमीन पर वास्तविक दखल:मालेसंवाददाता,पटनामाले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि अदालत में सरकार द्वारा पर्चाधारियों के पक्ष में उचित पैरवी व पर्चाधारियों को पक्षकार नहीं बनाये जाने की वजह से सीलिंग के कई मामले अब तक उलझे हुए हैं. उन जमीनों पर अब तक पर्चाधारियों को दखल कब्जा मिल […]
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