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महज मोबाइल फोन के लिए छात्र को ट्रेन से दे दिया था धक्का

महज मोबाइल फोन के लिए छात्र को ट्रेन से दे दिया था धक्का फ्लैग – अपराधी सूरज के पकड़ाने से राकेश के मौत मामले का हुआ खुलासा, तीन अब भी फरार- पटना जंकशन से सचिवालय हॉल्ट के बीच 15 अक्तूबर को हुई थी घटना, अस्पताल में मौत- मरने से पूर्व परिजनों को दिया था घटना […]

महज मोबाइल फोन के लिए छात्र को ट्रेन से दे दिया था धक्का फ्लैग – अपराधी सूरज के पकड़ाने से राकेश के मौत मामले का हुआ खुलासा, तीन अब भी फरार- पटना जंकशन से सचिवालय हॉल्ट के बीच 15 अक्तूबर को हुई थी घटना, अस्पताल में मौत- मरने से पूर्व परिजनों को दिया था घटना की पूरी जानकारी, बिहटा एनएसआइटी कॉलेज का था छात्र संवाददाता, पटना 15 अक्तूबर को पटना-आरा पैसेंजर ट्रेन में महज एक मोबाइल फोन के लिए चार अपराधियों ने इंजीनियरिंग छात्र राकेश कुमार को जबरन चलती ट्रेन से धक्का बाहर फेंक दिया था. बाद में अस्पताल में उसकी मौत हो गयी थी. राकेश बिहटा स्थित एनएसआइटी के मैकेनिकल ब्रांच के प्रथम वर्ष का छात्र था. अपराधी छात्र का मोबाइल फोन लेकर चलते बने. यह खुलासा रेल पुलिस ने अनुसंधान के क्रम में किया था. घटना में शामिल अपराधी व पटना नगर निगम में कार्यरत स्वीपर सूरज कुमार को उसके यारपुर आवास से पकड़ लिया. उसने ही फुलवारीशरीफ के अन्य तीन अपराधियों के साथ मिल कर ट्रेन में घटना को अंजाम दिया था. रेल पुलिस के अनुसार छापेमारी के दौरान सूरज के घर से 37 नयी घड़ियां भी बरामद की गयी हैं, जो चोरी की बतायी जा रही हैं. रेल एसपी पीएन मिश्रा ने बताया कि पूछताछ में सूरज ने बताया कि सभी घड़ियां कूरियर कंपनी में कार्यरत उसकी मां कांति देवी ने लायी हैं. फुलवारीशरीफ के तीन अन्य अपराधियों का नाम सामने आया है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. उन्होंने बताया कि सूरज व अन्य ने मिल कर मोबाइल फोन छीन लिया था और छात्र को ट्रेन से बाहर धकेल दिया था. यह है घटनाछात्र राकेश मूल रूप से छपरा दुगौली का रहनेवाला था. उसका एडमिशन एनएसआइटी कॉलेज में इसी साल अप्रैल माह में हुआ था और उसने पटना में अशोक नगर 14 बी में एक मकान में किराये पर रह रहा था. वह क्लास करने के लिए प्रतिदिन पैसेंजर ट्रेन से बिहटा जाता था. 15 अक्तूबर को वह पटना-आरा पैसेंजर से बिहटा जा रहा था. इसी बीच उसे किसी का फोन आया और उसने मोबाइल निकाल कर बात की. वहीं बगल में सूरज व अन्य खड़े थे. उनलोगों ने छात्र से मोबाइल फोन छीन लिया और फिर चलती ट्रेन से बाहर धक्का दे दिया. छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया और लोगों ने उसे इलाज के लिए पीएमसीएच में भरती करा दिया. बाद में उसे होश आया, तो उसने परिजनों का नंबर दिया. सूचना पाकर उसके परिजन वहां पहुंचे, तो छात्र ने अपने साथ हुई पूरी घटना की जानकारी दे दी. इसके बाद इलाज के क्रम में राकेश की मौत हो गयी. मोबाइल फोन के ट्रेस से खुलासाराकेश के मौत मामले में पीएमसीएच में लिये गये बयान को पीरबहोर पुलिस ने जीआरपी पटना जंकशन को भेजा. पटना जीआरपी ने मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया. पुलिस के पास अपराधियों को पकड़ने के लिए एक ही उपाय था कि मोबाइल फोन को ट्रेस किया जाये और इसमें उसे सफलता भी मिली. इसके बाद पुलिस ने यारपुर छापेमारी कर सूरज को पकड़ लिया और राकेश का छीना गया मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया गया. चूर-चूर हो गया मां-बाप का सपनाराकेश बहुत ही साधारण परिवार से आता था और उसके पिता सोशिंद्र यादव दुबई में छोटा-मोटा काम कर अपने पूरे परिवार का जीवन यापन करते हैं. उसकी मां सोहिला देवी भी घरेलू महिला है. अभिभावक ने काफी मेहनत से पैसे जुटा कर राकेश की पढ़ाई करायी और इंजीनियरिंग कॉलेज में नामांकन कराया. राकेश बचपन से काफी मेहनती था. इससे पूरे परिवार को आशा थी कि राकेश के इंजीनियर बन जाने से घर की स्थिति सुधरेगी. लेकिन पूरे परिवार का सपना चूर-चूर हो गया. मृतक के मा-पिता ने रेल एसपी से कड़ी-से-कड़ी सजा दिलाने की मांग की है.

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