पटना सिटी: नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल की लगभग 81 एकड़ जमीन पर कब्जा जमा कर पक्का मकान बनानेवाले 150 से अधिक लोगों को प्रशासन नोटिस निर्गत करने का फैसला लिया है. इस बार अतिक्रमण में चिह्न्ति पक्के मकान के मालिकों को महज दस दिनों की मोहलत दी जायेगी, ताकि वे इस अवधि में स्वयं हट जाएं. प्रशासन ने इस बार रुख भी कड़ा कर रखा है.
आयुक्त ने की बैठक
अस्पताल उपाधीक्षक डॉ संतोष कुमार ने बताया कि मेडिकल कॉलेज की जमीन पर वर्षो से काबिज अतिक्रमणकारियों के खिलाफ समुचित कार्रवाई के लिए शनिवार को पटना के प्रमंडलीय आयुक्त एएच बाला प्रसाद की अध्यक्षता में बैठक हुई. बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार, जिलाधिकारी एन सरवाणन व एडीएम के साथ अस्पताल की अधीक्षक शिव कुमारी प्रसाद व उपाधीक्षक संतोष कुमार समेत अन्य अधिकारी शामिल हुए. बैठक में लिये गये निर्णय की जानकारी देते हुए अस्पताल उपाधीक्षक ने बताया कि अस्पताल की जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए पहले पक्का मकान बनाये 150 लोगों के बीच नोटिस तामिला कराया जायेगा. इसके बाद नहीं हटे, तो जमीन को प्रशासन खाली करा अस्पताल को सौपेंगी. बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट व पटना हाइकोर्ट में सीडब्लू जेसी /2010 में विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा बनाम राज्य सरकार में दायर मामले में चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पतालों की भूमि को अवैध कब्जाधारियों से मुक्त कराने संबंधी मामले में सुनवाई हो रही है.
क्या है मामला
नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल की लगभग 81 एकड़ जमीन पर अतिक्रमणकारियों के कब्जा में है. उक्त जमीन पर अनेक लोगों ने मकान भी बना लिया है. वहीं , परती जमीन पर कब्जा मकान निर्माण कर रहे हैं. इसी जमीन को प्रशासन खाली करा अस्पताल को सौपेंगा. जानकारी के अनुसार वर्ष 1958-59 में सरकार से उक्त जमीन अधिगृहीत की गयी थी ताकि मेडिकल संस्थानों को विकसित किया जा सके, लेकिन घेराबंदी व निगरानी नहीं होने पर लोगों ने उक्त जमीन पर कब्जा मकान बना लिया. जानकारों का कहना है कि अस्पताल की जमीन पर 701 कच्चे पक्के मकान बने है.