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बिहार में खुलेंगे पांच नए मेडिकल कॉलेज : नीतीश

पटना : राज्य सरकार प्रदेश में पांच नये मेडिकल कालेज खोलने जा रही है. यह सभी कॉलेज एमसीआइ के मानक के अनुरूप होंगे. इससे न केवल प्रदेश में प्रतिवर्ष डाक्टरों की संख्या बढेगी. बल्कि,स्वास्थ्य सेवा में भी भारी बदलाव आयेगा. गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में इसकी मंजूरी […]

पटना : राज्य सरकार प्रदेश में पांच नये मेडिकल कालेज खोलने जा रही है. यह सभी कॉलेज एमसीआइ के मानक के अनुरूप होंगे. इससे न केवल प्रदेश में प्रतिवर्ष डाक्टरों की संख्या बढेगी. बल्कि,स्वास्थ्य सेवा में भी भारी बदलाव आयेगा. गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में इसकी मंजूरी दी है. सुशासन के एजेंडे और नीतीश निश्चय के सात सूत्र के तहत मुख्यमंत्री ने श्रम विभाग और सूचना प्रोद्याेगिकी विभाग के कामकाज की भी समीक्षा की. समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव, श्रम मंत्री विजय प्रकाश और सूचना एवं प्रोद्योगिकी विभाग के मंत्री अशोक चौधरी उपस्थित हुए.

सात निश्चय में शामिल है स्वास्थ्य

मुख्यमंत्री की बैठक में यह निर्णय हुआ कि नीतीश निश्चय के अनुपालन के लिये राज्य में पहले से स्वीकृत एवं कार्यरत मेडिकल कॉलेजों के अलावे खोले जाने वाले पांच नये मेडिकल कालेजों में नर्सिंग कॉलेज की भी स्थापना होगी. सरकार राज्य के सभी अनुमंडलों में एएनएम स्कूल की स्थापना करेगी. सभी जिलों में जीएनएम स्कूल एवं पारा मेडिकल इंस्टीच्यूट की स्थापना होगी.
बैठक के बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आर.के. महाजन ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल, नालंदा मेडिकलकॉलेज अस्पताल और इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का अस्पताल बनाया जायेगा. इसके लिए नियत समय सीमा के अन्तर्गत कार्रवाई किये जाने का अधिकारियों को टास्क दिया गया है. तीनों संस्थान अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से सुसज्जित होगा. उन्होंने बताया कि पीएमसीएच को ऐसा बनाया जायेगा कि असाध्य रोगों से ग्रसित मरीजों का इलाज अगर किसी भी अस्पताल में नहीं हो पाया है तो उसका इलाज यहां हो सके.

दवा वितरण निबार्ध करने का निर्देश

बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी अस्पतालों में नि:शुल्क दवा का वितरण निर्बाध रूप से करने तथा दवा वितरण में आ रही दिक्कतों को तत्काल दूर करने का निर्देश दिया. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि मरीजों के आधार कार्ड को संजीवनी सॉफ्टवेयर से लिंक किया जाय ताकि ऑकड़ों की बेहतर समीक्षा हो सके. सभी जिला अस्पतालों में चार शय्या वाले गहन चिकत्सिा यूनिट को दस शय्या वाले आइसीयू में परिवर्तित किया जायेगा. प्रत्येक जिले के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में रेडियोलॉजी एवं पैथेलॉजी जॉच की सुविधा मरीजों को प्रदान की जायेगी. सभी चिकत्सिा महावद्यिालय अस्पतालों में पीपीपी मोड से एमआरआइ और सिटी स्कैन मशीन तुरंत स्थापित किये जायेंगे. 212 सामूदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को सुसज्जित कर उसमें चिकत्सिकों एवं पारा मेडिकल स्टाफों की कमी को दूर किया जायेगा. सीएम ने प्रधान सचिव को यह नर्दिेश दिया कि राज्य स्तर पर एक टीम का गठन किया जाय, जो डॉक्टरों एवं पारा मेडिकल स्टाफों की उपस्थिति का औचक निरीक्षण करे. अनुपस्थित पाये जाने वाले डॉक्टरों एवं पारा मेडिकल स्टाफों पर आवश्यक कार्रवाई की जाये.

स्टॉफ की कमी दूर करें

उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि चिकत्सिक, नर्स एवं एएनएम की कमियों को अभियान चलाकर दूर किया जाय. एमसीआइ के कमियों को प्राथमिकता के आधार पर दो-तीन महीने के अंदर दूर करने का भी टास्क दिया. मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत अब मरीजों को डिस्चार्ज के पहले चौदह सौ रुपये प्रोत्साहन राशि दी जायेगी.

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