पटना: पटना हाइकोर्ट ने उन सहकारी गृह निर्माण समितियों पर कार्रवाई का निर्देश दिया है, जिन्होंने कागजात नहीं दिया है. बहुमंजिली इमारतों के निर्माण के मामले की सुनवाई के दौरान मंगलवार को कोर्ट ने यह निर्देश दिया. को-ऑपरेटिव के रजिस्ट्रार ने कोर्ट को बताया कि जनकपुरी, नारियल घाट, मगध को-ऑपरेटिव व अन्य ने अभी तक अपनी रिपोर्ट नहीं दी है.
इस पर कोर्ट ने उन्हें दंडित करने का निर्देश दिया है. नरेंद्र मिश्र की याचिका पर जस्टिस नवीन सिन्हा व ए. अमानुल्लाह ने सुनवाई की. को-ऑपरेटिव रजिस्ट्रार ने हलफनामे में कहा कि 357 सोसायटियों में से 145 का सर्वे हो चुका है. 112 का सर्वे बचा हुआ है.
इस पर कोर्ट ने कहा कि सभी के पेपर की जांच हो रही है या नहीं. जिस काम के लिए जमीन थी, वह हो रहा है या नहीं. को-ऑपरेटिव की जमीन पर व्यावसायिक काम तो नहीं हो रहा है. इसकी सघनता से जांच की जाये. खंडपीठ ने पटना नगर निगम को 185 अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करने को कहा है. 185 अवैध निर्माण पर विजिलेंस में केस चल रहा है. इसके कारण अवैध के साथ-साथ वैध निर्माण पर भी रोक लगा दी गयी है.
त्वरित गति से इसका निबटारा करने का निर्देश दिया गया है. कोर्ट ने नगर विकास विभाग के सचिव को हलफनामा दायर कर बताने को कहा है कि म्यूनिसपल बिल्डिंग ट्रब्यूनल एक्स पूरी तरह से कारगर क्यों नहीं है. निर्माण कार्य में दूसरे विभागों से इंजीनियर को भी प्रतिनियुक्ति पर लगाया गया था, लेकिन बिना हाइकोर्ट के आदेश और सलाह के उन्हें वापस भेज दिया गया. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. इस मामले पर 28 नवंबर को फिर से सुनवाई होगी. सुनवाई के दौरान पटना शहर के सभी थानाध्यक्ष मौजूद थे.