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छापेमारी में नकली व बिना बिल की पांच लाख से अधिक की पकड़ी गयी दवाइयां, हुई जब्त

छापेमारी में नकली व बिना बिल की पांच लाख से अधिक की पकड़ी गयी दवाइयां, हुई जब्त औषधि विभाग व वाणिज्यकर विभाग ने की एक साथ जीएम रोड व बिहारी साव लेन की पांच दुकानों में छापेमारी संवाददाता, पटनामंगलवार को औषधि व वाणिज्यकर विभाग की संयुक्त छापेमारी जीएम रोड व बिहारी साव लेन के पांच […]

छापेमारी में नकली व बिना बिल की पांच लाख से अधिक की पकड़ी गयी दवाइयां, हुई जब्त औषधि विभाग व वाणिज्यकर विभाग ने की एक साथ जीएम रोड व बिहारी साव लेन की पांच दुकानों में छापेमारी संवाददाता, पटनामंगलवार को औषधि व वाणिज्यकर विभाग की संयुक्त छापेमारी जीएम रोड व बिहारी साव लेन के पांच दुकानों में की गयी. इसमें पांच लाख से अधिक की दवा जब्त की गयी और 32 दवाइयों को जांच के लैब भेजा गया है. इन सभी दुकानों में गैर कानूनी ढंग से बिना बिल की दवा मंगवाना और प्रतिबंधित दवा को बेचने का मामला प्रकाश में आया है. दवा के काला कारोबारियों के यहां से दवा का गलत ढंग से रैपर, बिल एवं कच्चा बिल मिला है, जो बाहर की कंपनियों से मिल कर पटना से बाहर थोक मात्रा में भेजा जाता था. दुकान से मिली सभी कागजात को जब्त कर लिया गया है और तीन गोदाम को भी सील कर दिया गया है. इनमें छापेमारी साहिल फॉर्मा, गुप्ता फाॅर्मा, आनंद फाॅर्मा, जहानाबाद फाॅर्मा, अमन फाॅर्मा 31 रुपये के एमआरपी को बना दिया 152 रुपया गुप्ता फार्मा से छापेमारी के दौरान एसजी फार्मास्यूटीकल की अमिकासिन दवा का एमआरपी 31 रुपया था, लेकिन इस एंटीवाइटिक दवा का एमआरपी बढ़ा कर 152 रुपया कर बाजार में ग्राहकों को बेचा जा रहा था. इस दवा को पूरी तरह से जब्त कर लिया गया है और इसके साथ आयी दवाइयों की छानबीन हो रही है. इसके अलावे आनंद फार्मा में सर्जिकल आइटम पकड़ा गया है, जो बिना बिल की गैर कानूनी तरह से बिहार में मंगवाया गया है. इस दुकान में छापेमारी में एक सर्जिकल आइटम खरीद में एमआरपी 100 रुपया था, जिसे बढ़ाकर 600 रुपया किया गया है और उसे कच्चे बिल के माध्यम से बाजार में ग्राहकों को बेचा जा रहा है. सिनारेस्ट को किया गया सील, गलत कंपोजिशन के साथ बाजार में मौजूद छापेमारी में सिनारेस्ट को जब्त किया गया है. दुकान में मिली दवा पर लिखी गयी कंपोजिशन गलत है. इस कारण से उस दवा की पूरी दवा को जब्त दिया गया है. यह दवा की कीमत लगभग 30 हजार से अधिक की होगी. इसके पूर्व यह दवा को बाजार में खुलेआम महीनों से बेचा जा रहा है. कोटछापेमारी के लिए चार टीम बनायी गयी है. पांच दुकानों में छापेमारी कर कई एेसी दवाइयां पकड़ी गयी हैं, जिनका एमआरपी गलत ढंग से बढ़ा कर बाजार में बेचा जा रहा था. इसके अलावे बिना बिल की दवाइयां पकड़ी गयी हैं और जो नकली दवाइयां है, जिसका कोई बिल नहीं है, उसे जब्त कर कुछ को जांच के लिए भी भेजा गया है. रमेश प्रसाद, बिहार स्टेट ड्रग कंट्रोलर \\\\B

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