विधानसभा की समितियां गठित
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मांझी को पुस्तकालय समिति व नंदकिशोर को लोक लेखा समिति का जिम्मा
विधानसभा की समितियां गठित पटना : बिहार विधानसभा की विभन्नि समितियों का गठन कर दिया गया है. विधानसभा सचिवालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी. नयी समिति में राजद और जदयू के सात -सात विधायकों को सभापति बनाया गया है. वहीं भाजपा को सभापति के चार पद मिले. कांग्रेस को दो और हम के एक […]
पटना : बिहार विधानसभा की विभन्नि समितियों का गठन कर दिया गया है. विधानसभा सचिवालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी. नयी समिति में राजद और जदयू के सात -सात विधायकों को सभापति बनाया गया है. वहीं भाजपा को सभापति के चार पद मिले. कांग्रेस को दो और हम के एक सदस्य को सभापति बनने का मौका मिला है.
कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि कांग्रेस को तीन मिलना चाहिए. समिति को लेकर जिस तरह विधायकों की संख्या बिठायी गयी है उस हिसाब से भी कांग्रेस की हिस्सेदारी तीन बनती है. प्रत्येक समिति पर दस-दस विधायक की संख्या है. कांग्रेस का इस हिसाब से दो बनता है. इसके अलावा कांग्रेस के सात विधायक और हैं. इसलिए एक समिति और मिलना चाहिए.
उन्होंने कहा कि हमलोगों के साथ न्याय नहीं हुआ. न्याय की अपेक्षा थी. न्याय के हिसाब से तीन मिलना चाहिए.
पूर्व मुख्यमंत्री और हम के नेता जीतन राम मांझी को पुस्तकालय समिति का सभापति बनाया गया है. वहीं भाजपा के नंद किशोर यादव को लोक लेखा समिति का सभापति बनाया गया है.कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह को आचाार समिति का सभापति बनाया गया है.
विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार अल्पसंख्यक कल्याण समिति का गठन किया गया है. इस समिति के पहले सभापति शरफुद्दीन बनाये गये हैं. यह 21 वीं समिति है. जारी अधिसूचना के अनुसार नवगठित सभी समितियों में सभी विधायकों को सदस्य कुमार के रूप में शामिल किया गया है. जीतन राम मांझी को मखदुमपुर से हराने वाले राजद विधायक सूबेदार दास को गैर सरकारी समिति का सभापति बनाया गया है. निर्दलीय अनंत कुमार सिंह किसी भी समिति में शामिल नहीं किये गये हैं.
नारायण यादव को प्राकलन समिति का सभापति बनाया गया. पटना जिले के मनेर से चुनाव जीत कर आये राजद विधायक भाई विधायक निवेदन समिति के सभापति बनाये गये हैं. पूर्व मंत्री लेसी सिंह को महिला एवं बाल कल्याण समिति की कुरसी दी गयी है.
सभापति को कैबिनेट मंत्री की मिलेंगी सुविधाएं : नवगठित विधानसभा के सभी समितियों के सभापतियों को कैबिनेट मंत्री कर दर्जा मिलेगा. सभापतियों में सबसे अधिक यादव के छह, अनुसूचित जाति के पांच, अल्पसंख्यक के तीन, राजपूत के दो, अतिपिछड़ा, भूमिहार और वैश्य वर्ग से एक- एक और कुर्मी जाति के दो विधायकों को सभापति बनाया गया है. उन्हें विधानसभा परिसर में एक कक्ष, स्टाफ और गाड़ी की सुविधा अलग से दी जायेगी.
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