पटना: राज्य की लोक अदालतों में एक लाख से ज्यादा मामलों का निबटारा हुआ. एक लाख 24 हजार मामले सूचीबद्ध थे, लेकिन सभी पर सुनवाई नहीं हो सकी. सिर्फ पटना हाइकोर्ट में 768 मामले सूचीबद्ध थे.
इनमें 137 मामलों का निबटारा किया गया. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार ने पूरे देश में लोक अदालत लगायी थी. इसी आलोक में पटना हाइकोर्ट समेत बिहार के सभी जिलों में लोक अदालतें लगीं. लोक अदालतों में छोटे-छोटे अपराध से जुड़े मामलों पर सुनवाई हुई. इन्हें आपसी समझौते के जरिये सुलझाया गया.
पटना हाइकोर्ट में मोटरयान दावा या दुर्घटना के मामले, भूमि व पारिवारिक विवाद, मनरेगा, राजस्व, पेंशन व सेवानिवृत्ति के मामलों पर सुनवाई हुई. समझौते के बाद इन्हें सुलझाया गया. इसके अलावा बड़े विवादित मामलों को छोड़ दिया गया. सिर्फ विवादरहित मामलों को सुलझाया गया. भूमि सुधार, बोर्ड-निगम से सेवानिवृत्त व बिजली विभाग से जुड़े मामलों पर सुनवाई हुई. पटना हाइकोर्ट में 15 अदालतें लगी थीं.
इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने राज्यव्यापी राष्ट्रीय लोक अदालत का दिल्ली में उद्घाटन किया था. बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष जस्टिस नवीन सिन्हा ने बताया कि लोक अदालतों में उत्साह दिखा. इधर, सभी जिलों से सूचीबद्ध और निबटाये गये मामलों के आंकड़े जुटाये जा रहे हैं. लोक अदालत जस्टिस नवीन सिन्हा के निर्देशन और बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के सदस्य सचिव राधा कृष्ण की देखरेख में हुई.