पटना: सुपारी लेकर हत्या करनेवाले रंजीत यादव व उसके गिरोह के अपराधियों ने बबन कुमार को सिर्फ शक के आधार पर ही मौत के घाट उतार दिया था. हत्या करने के बाद शव को फतुहा के धोवा नदी के समीप फेंक दिया था. रंजीत व उसके गिरोह के अपराधियों को शक था कि सन्नी यादव की हत्या में बबन भी शामिल था. बबन की हत्या इन अपराधियों ने इसी साल अप्रैल में कर दी थी.
बबन सुलतानगंज थाने के मौआर लेन का रहनेवाला था. जमीन विवाद को लेकर सन्नी की हत्या पिछले साल 4 अक्तूबर को हुई थी. उसकी हत्या में विनोद राम व शमशाद उर्फ टुनटुन नामजद आरोपित थे. रंजीत ने बताया कि सन्नी को घर से बुला कर बबन ही ले गया था. इसलिए उसने उसे मौत के घाट उतार दिया. वहीं नामजद शमशाद के जेल से निकलने के 15 दिनों के अंदर ही उसे बहला-फुसला कर रंजीत कुर्जी बालू पर स्थित अपने आम के बगीचे में ले गया था. वहां उसे खिलाया-पिलाया.
उसके बाद गमछे से गला दबा दिया. बाद में लाठी-डंडे से पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया. घटना इसी साल 22 अगस्त हो हुई थी. हत्या करने के बाद शमशाद को टाटा विक्टा गाड़ी पर लादा व शव को धोवा नदी के समीप झाड़ी में फेंक दिया था. शमशाद व बबन के शव मिलने के बाद फतुहा थाने में हत्या का मामला दर्ज किया गया था. रंजीत व उसके गिरोह के अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद इन दोनों हत्याओं पर से परदा उठ पाया.
हाथ पर लिखा था खुशी
बबन की जब लाश पुलिस को मिली थी तक छानबीन में उसके बायें हाथ पर एक गोदना लिखा हुआ था. गोदना में खुशी नामक एक लड़की नाम लिखा हुआ था. पुलिस अब तक यही मान कर चल रही थी कि उसकी हत्या प्रेम-प्रसंग में की गयी होगी. यदि रंजीत, गुड्ड, छोटू साव, शशि यादव, बंटी व मिथुन कुमार केवट नहीं पकड़े जाते हो, बबन व शमशाद की हत्या रहस्य ही बनी रहती. इन छहों अपराधियों को पुलिस ने शुक्रवार को सुलतानगंज थाने के लॉ कॉलेज घाट के समीप से पकड़ा था. इनके पास से हथियार, कारतूस भी मिले थे.