पटना : ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन ने केंद्र पर रेलकर्मियों की समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया है. महासचिव शिव गोपाल मिश्र ने कहा कि अगर सरकार ने समय रहते मांगों पर निर्णय नहीं लिया, तो रेलकर्मी चक्का जाम कर आंदोलन करेंगे.
इसके लिए देश भर में 21-22 दिसंबर को गुप्त मतदान होगा. इस मतदान में दो तिहाई बहुमत मिलने पर हड़ताल की घोषणा की जायेगी. महासचिव ने कहा कि देश भर में हर दिन 19 हजार रेलगाड़ियां दौड़ती हैं. मगर कर्मियों की कमी से कामकाज प्रभावित हो रहा है. रेलवे में अब भी डेढ़ लाख पद रिक्त हैं.
इन रिक्त पदों को शीघ्र भरना होगा. इसके साथ ही नयी पेंशन स्कीम को समाप्त करने, छठे वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करने, कैडर स्ट्रक्चरिंग सहित कई मांगों को लेकर वार्षिक सम्मेलन में चर्चा होगी.
नीतीश-लालू ने अच्छी रेल चलायी
उन्होंने कहा कि साल भर में मांगें तो पूरी नहीं हुईं, मगर कई रेल मंत्री जरूर बदल गये. वर्तमान रेल मंत्री को ज्ञापन देते वक्त भी हमने यही बात कही. उन्होंने नीतीश कुमार के रेलमंत्रित्व काल को बेहतर बताते हुए कहा कि उनके काल में बने सेफ्टी फंड ने ही बाद के रेलमंत्रियों को मदद की.
लालू प्रसाद को भी बेहतर रेल मंत्री बताते हुए कहा कि उन्होंने बिहार कैसे चलाया, मुझे नहीं मालूम, पर रेलवे के काम में उन्होंने कोई हस्तेक्षप नहीं किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में एआइआरएफ के उपाध्यक्ष कन्हैया जी, इसीआरकेयू पूमरे जोन के अध्यक्ष डीके पांडेय, महासचिव एसके पांडेय, एमएन वाजपेयी, पटना शाखा के एके शर्मा सहित कई यूनियन नेता मौजूद रहे.