एक साथ कई सारे कार्यक्रमों का अायोजन लाइफ रिपोर्टर पटना पुस्तक मेला परिसर में लोगों की भीड़ रोजाना बढ़ती जा रही है. दर्शकों को पुस्तक मेला परिसर में एक साथ कई कार्यक्रम देखने को मिल रहा है. प्रत्येक दिन पुस्तक मेले में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है. पुस्तक खरीदने के साथ-साथ वरिष्ठ कलाकारों से मिलने का सुनहरा अवसर मिल रहा है. वहीं नुक्कड़ नाटक के जरिये सोशल मैसेज भी दिया जा रहा है. पुस्तक मेला परिसर में सोमवार को पुस्तक विमोचन, नुक्कड़ नाटक, तोतो चान का समापन एवं जन संवाद कार्यक्रम आयोजित किये गये है. दो पुस्तकों का विमोचन पुस्तक मेला परिसर के काेशी मुक्ताकाश मंच पर लेखिका एवं कवयित्री ममता मेहराेत्रा की दो पुस्तकों का सोमवार को लोकार्पण हुआ. जिसमें बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने पुस्तक का विमोचन किया. स्कूल टाइम्स जाेक्स एवं रिलेशनशिप एंड अदर स्टोरीज नामक दो पुस्तकों का विमोचन किया गया. दोनों पुस्तक की अहमियत और खासियत एक पर एक है. वही दोनों पुस्तक अलग-अलग थीम पर आधारित है. रिलेशनशिप एंड अदर स्टोरीज में मुख्यत स्त्री-विमर्श पर आधारित कहानियां है. जिसमें स्त्रियों पर घरेलू हिंसा और भूण हत्याओं की चर्चा की है. साथ-ही साथ नारी सशक्तीकरण और आर्थिक स्वर्तत्रता के पहलुओं पर अाधारित कई मार्मिक कहानियां है. दूसरी पुस्तक स्कूल टाइम जोक्स स्कूली जीवन पर आधारित चुटकुलों की कहानी है. इस अवसर पर शिक्षा मंत्री के अलावा शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव डी एस गंगवार, राज्यपाल के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहराेत्रा, प्रख्यात लेखिका डॉ उषा किरण खान, पूनम ठाकुर और प्रतिभा शुक्ला मौजूद थी.नुक्कड़ नाटक के जरिये दिया संदेश पुस्तक मेला परिसर में साेमवार काे किरण कला निकेतन पंडारक के द्वारा नाटक ‘त हम कुवारे रहे’ की प्रस्तुती की गयी. मगही हिंदी मिश्रित इस नाटक का निर्देशन शिव कुमार शर्मा ने किया. वही सतीश चंद्र मिश्रा ने लेखन किया है. प्रस्तुत नाटक में बढ़ती उम्र में हो रही शादियों पर कताक्ष करता यह नाटक वर्तमान,भविष्य में बदलते स्त्री पुरुष संबंधों को दर्शाता है. वही दहेज प्रथा को भी इसमें दिखाने की कोशिश की गयी है.इस नाटक में गांव के दृश्य को दर्शाया गया है. अनपढ़ लड़का होने के बावजूद पिता दहेज के इंतजार में बेटा का विवाह नहीं तय कर रहा है. बेटे की शादी में पिता दहेज की मांग कर रहे है. इस चक्कर में बेटा की शादी तय नहीं हो रही है. बढ़ती उम्र के साथ बेटा को भी इस बात का अनुभव हाेता है कि पैसा के लालच में शादी नहीं हो पा रही है. बेटा को इस बात का ज्ञात होता है जो क्या दहेज के चक्कर में हम कुवारे रही. वर्तमान परिवेश को देखते हुए नाटक को दिखाया गया है. नाटक को देखने के लिए पुस्तक मेला में लोगों की भीड़ देखते बन रही थी. नाटक के जरिये लोगों की मन की बात को रखा गया. इस नाटक में भाग लेने वाले प्रमुख कलाकार रहे पियूष कुमार, रविशंकर कुमार, सुमन कुमार एवं चंदन कुमार थे. कार्यक्रम का संयाेजक रविशंकर ने किया. व्यंग्य और हास्य भरे इस नाटक को दर्शकों ने खूब सराहा.तोत्रो चान की कहानी का समापनसीआरडी पटना पुस्तक मेला में चौथा दिन सोमवार को बाल-पाल कार्यक्रम काफी अच्छे से समाप्त हुआ. कार्यक्रम के अंतर्गत जापानी कहानी तोत्रो चान का संगीतमय कथा पाठ अमिताभ पांडे ने किया. तीन दिनों के कथा पाठ कार्यक्रम में दर्शकों को काफी जानकारी दी गयी. कथा पाठ कर्ता अमिताभ पांडे ने कहानी को अागे बढ़ाने के क्रम में कई धार्मिक अध्यायों को भी छुआ. बाल मनोविज्ञान पर आधारित कहानी तोतो चान में इसकी लेखिका वेत्सुको वुरोयानाग के पास दुनिया के माता-पिता, दादा-दादी एवं नाना-नानी को कहने के लिए बहुत कुछ है. जापान से यूनिसेफ की इस सद्भावना दूत जो दुनिया की एक प्रसिद्ध टेलीविजन हस्ती है. बचपन के अनुभवों को बहुत ही सरलता से कोई अन्य लड़की नहीं बल्कि स्वयं लेखिका ही है. तोमोए गाकुएन स्कूल के प्राचार्य सोसातु कोबायाशी के स्कूल से पढ़कर निकले छात्र आज मशहूर लेखक, कलाकार, संगीत अौर डॉक्टर भी है. अमिताभ ने कथा -पाठ के दौरान बताया कि उनकी दृष्टि में स्कूल के प्राचार्य ताेतो चान कहानी के नायक है. कहानी की सार ही बहुत सी आशाएं जगाता है. खिलने दो सैकड़ों फूल, होने दो हजारों विचारधारा में संघर्ष. जापानी कहानी की अनुवादिका पूर्वा बालिक कुशवाहा है. मौके पर मौजूद किलकारी संस्था की अध्यक्षा ज्याेति परिहार का स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया. जन संवाद- कविता में बिहार और उसकी भाषा सीआरडी पटना में साेमवार को जनसंवाद कार्यक्रम के तहत कविता में बिहार और उसकी भाषाएं विषय पर चर्चा हुई. इस विषय पर साहित्यकार रमेेश ऋतंभर ने कहा कि बिहार की भाषा प्रतिरोध की भाषा है. यहां दलित साहित्य, स्त्री विमर्श की भाषा है. बिहार की भाषा प्रतिरोध की भाषा है. उन्होंने समकालीन कवियों अरुण कमल एवं आलोक धन्वा को प्रतिरोध का कवि बताया. मदन कश्यप की कविता माफी नामा उपरोक्त विषय पर प्रेम भारद्वाज ने कहा कि बिहार उनके लिए एक रूपक की तरह है. रूपक को संघर्ष और सृजन से रेखांकित किया है. उन्होंने कहा बिहार के स्वभाव में ही जख्म, जंग और जुनून है. इस अवसर पर प्रो शांति जैन ने भी अपने विचार प्रकट किये.
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एक साथ कई सारे कार्यक्रमों का आयोजन
एक साथ कई सारे कार्यक्रमों का अायोजन लाइफ रिपोर्टर पटना पुस्तक मेला परिसर में लोगों की भीड़ रोजाना बढ़ती जा रही है. दर्शकों को पुस्तक मेला परिसर में एक साथ कई कार्यक्रम देखने को मिल रहा है. प्रत्येक दिन पुस्तक मेले में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है. पुस्तक खरीदने के साथ-साथ वरिष्ठ कलाकारों […]
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