।। रामनरेश चौरसिया ।।
– 400 से ज्यादा नंबर दो-दो गाड़ियों को आवंटित
– अधिकतर मामले वीवीआइपी नंबरवाली गाड़ियों में
– मैन्यूअली रजिस्ट्रेशन को ऑनलाइन कन्वर्ट करने में गड़बड़ी पकड़ी गयी
– डबल रजिस्ट्रेशन के कारण न टैक्स जमा हो रहा है और न मिल रहा रोड परमिट
– सेकेंड रजिस्ट्रेशनवाली गाड़ियों को आवंटित होगा नया निबंधन नंबर
– दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई
अब क्या होगा
– पहले जिन गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन हुए हैं, उनका रजिस्ट्रेशन बरकरार रहेगा.
– उसी नंबर पर जो दूसरी गाड़ी रजिस्टर्ड हुई हैं, उसका रजिस्ट्रेशन रद्द कर नया नंबर दिया जायेगा
– ऐसी गाड़ियों को दूसरा नंबर एलॉट होने पर रजिस्ट्रेशन शुल्क जमा नहीं कराना होगा
– बिना जुर्माने के बकाया टैक्स जमा कराने के लिए भी जल्द अधिसूचना जारी होगी
पटना : बिहार में एक ही नंबर की दो-दो गाड़ियां चल रही हैं. छह जिलों में डबल रजिस्ट्रेशन के 400 से अधिक मामलों का पता चला है. गाड़ियों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होने के बावजूद इस चूक से परिवहन विभाग हैरान है. विभाग दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई करने जा रहा है.
परिवहन विभाग को मई-जून में एक ही नंबर दो-दो गाड़ियों को आवंटित होने की शिकायतें मिलीं, तो विभाग सजग हुआ. विभाग ने ऐसे मामलों की जिलों से रिपोर्ट मंगवानी शुरू की. फिलहाल छह जिलों से ऐसी रिपोर्ट मिली है. एक ही नंबर दो-दो गाड़ियों को आवंटित होने के कारण गाड़ी मालिकों को न टैक्स टोकन निर्गत हो रहे हैं और न ही रोड परमिट मिल रहा है. टैक्स जमा कराने के नाम पर गाड़ी मालिकों को जुर्माना देना पड़ रहा है सो अलग.
कैसे पकड़ी गयी गड़बड़ी
परिवहन विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि डबल रजिस्ट्रेशन के जो भी मामले सामने आये हैं, वे मैन्यूअली हुए था. मैन्यूअली रजिस्ट्रेशन जब कंप्यूटर में कन्वर्ट होने लगे, तब यह भूल पकड़ में आयी. ऐसे अधिकतर मामले वीवीआइपी नंबरवाली गाड़ियों में पकड़ में आये हैं. कुछ मामले निजी और कॉमर्शियल वाहनों में भी पकड़ में आये हैं.
परिवहन विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने बताया कि पहले जिन गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन हुए हैं, उसे बरकरार रखने का निर्देश दिया गया है. उसी नंबर पर जो दूसरी गाड़ियां रजिस्टर्ड हुई हैं, उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर नया नंबर आवंटित करने का निर्देश सभी जिला परिवहन कार्यालयों को दिया गया है. डबल रजिस्ट्रेशन नंबर एलॉट करनेवाले अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी.
बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के अध्यक्ष उदय सिंह ने बताया कि डबल रजिस्ट्रेशन से गाड़ियों के रोड परमिट और टैक्स टोकन मिलना तो बंद हुआ ही, इंश्योरेंस क्लेम भी नहीं बन रहा है.
डबल रजिस्ट्रेशन का सारा खेल परिवहन विभाग में वीवीआइपी गाड़ियों में चल रहा है. परिवहन विभाग इसकी उच्चस्तरीय जांच कराये. वीवीआईपी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन के नाम पर पांच से 25 हजार रुपये तक का शुल्क लिया जाता है, फिर भी ऐसा क्यों हो रहा है?