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जो कुछ भी हमारे पास, सब परमात्मा की देन

जो कुछ भी हमारे पास, सब परमात्मा की देनश्रीमद्भागवत कथा. गांधी मैदान में चौथे दिन देवकी नंदन ठाकुर का भागवत कथा प्रवचनसंवाददाता, पटनाभागवत कथा प्रवचनकर्ता देवकी नंदन ठाकुर जी ने कहा कि भगवान के उत्सवों में शामिल होनेवाले भक्त बड़े ही भाग्यशाली होते हैं. सच्चे व धर्म की रक्षा करनेवाले भक्तों को भगवान स्वयं ही […]

जो कुछ भी हमारे पास, सब परमात्मा की देनश्रीमद्भागवत कथा. गांधी मैदान में चौथे दिन देवकी नंदन ठाकुर का भागवत कथा प्रवचनसंवाददाता, पटनाभागवत कथा प्रवचनकर्ता देवकी नंदन ठाकुर जी ने कहा कि भगवान के उत्सवों में शामिल होनेवाले भक्त बड़े ही भाग्यशाली होते हैं. सच्चे व धर्म की रक्षा करनेवाले भक्तों को भगवान स्वयं ही अपने उत्सवों में शामिल होने के लिए बुला लेते हैं. आज जो कुछ भी हमारे पास है, जिस पर हम अपना हक जमाते हैं, वो सब कुछ परमात्मा की देन है. वे गांधी मैदान में चल रहे भागवत कथा के चौथे दिन प्रवचन कर रहे थे. सुख-सुविधाएं पानी के बुलबुले के समानउन्होंने कहा कि सुख-सुविधाएं, धन-दौलत सब पानी के बुलबुले की तरह है. जिस प्रकार पानी का बुलबुला हमेशा नहीं रहता, उसी प्रकार धन-दौलत, सुख-सुविधाएं हमेशा हमारे पास नहीं रहतीं. अगर हमारे पास कुछ रहती है, तो वो है भगवान की भक्ति. हालात चाहे जो भी हो भगवान की भक्ति, भगवान का नाम रूपी धन कोई हम से नहीं छीन सकता. सब भगवान का दिया, फिर भी उनको भूलेआज जो कुछ भी हमारे पास है, वो सब कुछ हमें भगवान के प्रसाद के स्वरूप में मिला है. लेकिन, इस के बाद भी हम भगवान को भुलते जा रहे हैं. हम सोचते हैं कि आज हमारे पास जो कुछ भी है, वो हमारी किस्मत में था. हमारी किस्मत को भगवान ही बनाते हैं. उन्होंने कहा की ये शरीर हमारा न तो था न है और न ही रहेगा. अगर हमारा कुछ है, तो वो है हमारी आत्मा, तो क्यों न हम अपने शरीर को संवारने की बजाय अपनी आत्मा को संवारें. पाप शरीर करता है, लेकिन भोगती है आत्माठाकुर जी ने कहा कि यह कटुसत्य है कि इस शरीर को एक-न-एक दिन नष्ट होना है. लेकिन, हमारी आत्मा अमर है. पाप हमारा शरीर करता है और भोगना हमारी आत्मा को पड़ता है, तो फिर हम ऐसा काम क्यों करें, जिससे मृत्यु के पश्चात हमारी आत्मा को कष्ट हो. क्यों न भक्त ध्रुव और प्रह्लाद की तरह ऐसी भक्ति करें, जिससे मृत्यु के बाद भी हमारी आत्मा इस जीवन-मरण के चक्कर से मुक्त होकर प्रभु के श्री चरणों की सेवा में विलीन हो जाये. कथा के पांचवें दिन रविवार को श्री गिरिराज भागवान की कथा विस्तार पूर्वक सुनायी जायेगी.\\\\B

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