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विशेष राज्य का दर्जा बिहार का हक है : राज्यपाल

पटना : राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने बिहार की तरक्की की रफ्तार में तेजी लाने के लिए विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की जोरदार वकालत की है. सोलहवीं विधानसभा के पहले सत्र में विधानमंडल के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन में दिये अभिभाषण में राज्यपाल ने युवाओं और महिलाओं को विकास मे हस्सिेदारी देने का […]

पटना : राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने बिहार की तरक्की की रफ्तार में तेजी लाने के लिए विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की जोरदार वकालत की है. सोलहवीं विधानसभा के पहले सत्र में विधानमंडल के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन में दिये अभिभाषण में राज्यपाल ने युवाओं और महिलाओं को विकास मे हस्सिेदारी देने का संकल्प व्यक्त किया. बिहार में नीतीश कुमार की नई सरकार सुशासन का लक्ष्य पाने के वास्ते तथा प्रगति को आगे ले जाने के लिए चल रहे कार्यक्रमों के अतिरिक्त नीतीश के ‘विकसित बिहार के सात निश्चय’ कार्यक्रम को स्वीकार करने जा रही है. इनमें सभी घरों में शौचालय और पेयजल के लिए पाईपालाईन लगाया जाना शामिल है.

हाल में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत से विजयी हुई नीतीश नेतृत्व वाले धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन जदयू-राजद-कांग्रेस की सरकार के सत्ता में आने के बाद आहूत 16वीं बिहार विधानसभा तथा 181वें बिहार विधानपरिषद के संयुक्त सत्र को आज संबोधित करते हुए राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने प्रदेश की नई सरकार के रोडमैप पर चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से बहुत कुछ हासिल हुआ है. लेकिन अभी और भी बहुत कुछ किया जाना है.

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य आज जिस मील के पत्थर तक पहुंचा है वहां से आगे बढ़ने के लिए चल रहे कार्यक्रमों के अतिरिक्त कुछ नये संकल्पों पर काम करना होगा. सरकार द्वारा ‘विकसित बिहार के सात निश्चय’ कार्यक्रम को सुशासन का लक्ष्य पाने के लिए स्वीकार किया जा रहा है. समृद्ध और विकसित बिहार बनाने के लिए यह ठोस कार्यक्रम साबित होगा.’ हाल में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान अपने इस सात निश्चय कार्यक्रम के बारे में नीतीश ने कई अवसरों पर अगले पांच सालों के दौरान इनपर 2.70 लाख करोड रुपये खर्च आने का अंदाजा लगाते हुए कहा था कि इसे राज्य सरकार अपने संसाधनों से पूरा करेगी न कि केंद्र के सामने हाथ फैलाएगी.

‘सात निश्चय कार्यक्रम’ युवाओं पर अधिक ध्यान दिया गया है जिसमें छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए चार लाख रुपये तक ऋण उपलब्ध कराने के लिए उन्हेंक्रेडिट कार्ड जारी किया जाना, रोजगार और कौशल विकास के लिए परामर्श केंद्रों की स्थापना, नौकरी की दोबारा तलाश के लिए बाहर जाने पर आठ महीनों तक एक हजार रुपये प्रति माह की दर से मासिक भत्ता दिया जाना, युवा उद्यमियों के लिए 500 करोड़ रुपये कावेंचर कैपिटल फंड तथा सभी महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में मुफ्त वाईफाई सेवा उपलब्ध कराया जाना शामिल है.

सात निश्चय होंगे पूरे

बिहार विधानमंडल के संयुक्त सत्र के दौरान आज राज्य सरकार की विकास को लेकर भविष्य की योजनाओं की चर्चा करते हुए राज्यपाल राम नाथ कोविंद ने कहा, ‘‘बिहार देश के युवा बहुल राज्यों में से एक है. नई पीढी की आबादी हमारे राज्य में सर्वाधिक है.’ उन्होंने कहा, ‘‘बिहार की नई पीढी को शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार के अवसर प्राप्त करने के लिये सक्षम बनाना राज्य के न्याय के साथ विकास की नीति का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है. अत: युवाओं के लिये समेकित कार्य योजना करने का काम किया जायेगा.’ कोविंद ने कहा, ‘‘इस कार्ययोजना के तहत उच्च शिक्षा के लिये एजुकेशन लोन के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, रोजगार परामर्श तथा कौशल विकास केंद्रों की स्थापना, स्वयं सहायता भत्ता, युवा उद्यमियों के लिये वेंचर कैपिटल फंड एवं कॉलेज और यूनिवर्सिटी में नि:शुल्क वाईफाई आदि कार्यक्रमों को अमलीजामा पहनाया जाना है.’

बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी और बिहारविधान परिषद सभापति अवधेश नारायण सिंह की उपस्थिति में कोविंद ने राज्य विधानमंडल के इस संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए आज कहा, ‘‘मेरी कामना है कि नवगठित बिहार विधानसभा का कार्यकाल राज्य में खुशहाली लाने और विकसित बिहार बनाने में अपनी रचनात्मक भूमिका अदा करेगा. आपके बहुमून्य सुझाव एवं विमर्श से बिहार की प्रगति को बल मिलेगा.’ कोविंद ने हाल में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव की ओर इशारा करते हुए कहा कि अभी-अभी हमारे यहां शांतिपूर्ण तथा निष्पक्ष चुनाव संपन्न हुए हैं. इसके लिए बिहार की जनता को बधाई दी जानी चाहिए जिन्होंने राज्य के विकास के एजेंडे को स्वीकार करते हूए अपार बहुमत से सरकार का स्वरुप तय किया है. मुझे पूर्ण विश्वास है कि सरकार इस सकारात्मक वातावरण का लाभ उठाकर बिहार में विकास के नये आयाम स्थापित करेगी. सरकार के प्रयासों को रचानात्मक आयाम देने में सबों का सहयोग अपेक्षित होगा.

कानून का राज

बिहार के राज्यपाल राम नाथ कोविंद ने कहा, ‘‘राज्य सरकार कानून का राज स्थापित रखने तथा न्याय के साथ विकास के मार्ग पर चलने के लिए संकल्पित है. बिना किसी द्वेष या भेदभाव के कानूनी प्रावधानों एवं विधिक प्रक्रियाओं का पालन करते हए अपराध पर नियंत्रण तथा अपराधियों को निष्प्रभावी करने के लिए ठोस व्यवस्था है. संगठित अपराध पर कडाई से अंकुश लगाया गया है और यही व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी.’ उन्होंने कहा कि बिहार में आज साम्प्रदायिक सदभाव और समाजिक सौहार्द का माहौल है. हाल में ही सभी त्योहार शांति सौहार्द और आपसी भाई-चारे के माहौल में संपन्न हुए, जिसके लिए बिहार की जनता बधाई की पात्र हैं. सुरक्षा एवं उत्साह के इस एहसास को आगे भी बनाये रखना है.

सुशासन और पारदर्शिता

कोविंद ने कहा कि समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर सुशासन पारदर्शिता और समावेशी विकास के सिद्धान्तों पर शासन की नींव स्थापित की गयी है. बिहार के विकास की यात्रा में चुनौतियां रही हैं तो संभावनाएं भी हैं और उपलब्धियां भी हासिल हुई हैं. राज्य सरकार को इन सभी प्रयासों में जनता का भरपूर सहयोग एवं समर्थन मिलता रहा है.

उन्होंने कहा कि राज्य में सार्वजनिक संस्थाओं को मजबूती प्रदान कर रचनात्मक व्यवस्थाओं को विकसित किया गया है. इस सफर में जहां एक ओर प्रभावी विधि व्यवस्था कानून का राज स्थापित करने में सफलता मिली वहीं दूसरी ओर मानव संसाधन के साथ-साथ आधारभूत संरचना के विकास में कई नई उंचाइयां हासिल की गयी है. लोगों के मन में सुरक्षा एवं निश्चय का माहोैल बना है जिसका प्रभाव शहर एवं गांवों के आर्थिक तथा सामाजिक गतिविधियों में देखा जा सकता है. समाज के कमजोर, साधनहीन एवं विकास से वंचित वर्गो को प्राथमिकता देते हुये बिहार में विकास की नई दिशा तय की गयी है.

भ्रष्टाचार पर अंकुश

राम नाथ कोविंद ने कहा कि इन प्रयासों को आगे भी पूरी दृढता के साथ बढाया जाना चाहिये. भ्रष्टाचार के विरुद्ध राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रहेगी. कानूनी एवं संस्थागत व्यवस्था कर भ्रष्ट लोक सेवकों के विरुद्ध प्रभावकारी कार्रवाई सुनिश्चित की गयी है. प्रशासन के निचले स्तरों पर भ्रष्टाचार की समस्या के निदान के लिये बिहार लोक सेवा का अधिकार कानून लागू है जिसके तहत विभिन्न लोक सेवकों को एक नियत समय सीमा के अंतर्गत नागरिकों को सेवाएं उपलब्ध कराना आवश्यक है.

उन्होंने कहा कि राज्य की जनता को नियत समय सीमा के भीतर लोक शिकायत निवारण अधिकार प्रदान करने के उद्देश्य से बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम-2015 पारित कराया गया है. पूरी व्यवस्था कर शीध्र ही इस कानून को लागू किया जायेगा ताकि लोक शिकायतों का प्रभावी निवारण हो सके. कोविंद ने कहा कि ठोस, अनुशासित एवं आधुनिक प्रशासनिक तथा वित्तीय सरंचना को स्थापित करते हुये राज्य में विकास एवं प्रगति का मार्ग प्रशस्त किया गया है. योजनाओं एवं नीतियों का सूत्रण इस प्रकार से है कि विकास की ज्योति हर वर्ग तक पहुंचे.

सभी वर्गों का विकास

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार न्याय के साथ विकास का नजरिया रखती है जिसके अनुरुप सभी लोगों, क्षेत्रों और वर्गों का विकास करना है. बिहार की तरक्की एवं इसकी प्रतिष्ठा स्थापित करने के लिये काम किया गया है और आगे भी किया जायेगा. कृषि रोड मैप, मानव विकास मिशन, कौशल विकास मिशन और औद्योगिक प्रोत्सााहन एवं निवेश की जो नीतियां एवं कार्यक्रम है वे मजबूती के साथ जारी रहेंगे. शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आधारभूत संरचना और महादलित, दलित, अति पिछडा, पिछडा वर्ग, सामान्य वर्ग के गरीब, अल्पसंख्यक एवं महिलाओं के विकास तथा कल्याण की अनेक योजनायें जो सफलतापूर्वक चल रही है इन सभी को और सुदृढ करते हुये क्रियान्वित किया जाता रहेगा.

कोविंद ने कहा कि पिछले दस वर्षो में राज्य का औसतन वार्षिक विकास दर स्थिर मूल्य पर 10.2 प्रतिशत रहा है. योजना का आकार पिछले दस वर्षों में चार हजार करोड रुपए से बढकर 57 हजार करोड रुपये से अधिक हो गया है. इसी अवधि में अपने कर राजस्व संग्रहण सात गुणा की वृद्धि हुयी है.

समावेशी विकास

राज्यपाल राम नाथ कोविंद ने कहा कि बिहार की आबादी के 54 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे थे जो घटकर 33 प्रतिशत हो गया है. गरीबी में 20 प्रतिशत से अधिक की कमी यह दर्शाता है कि विकास के लाभों में व्यापक हिस्सेदारी रही है और हमारा विकास समावेशी प्रकृति का है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के समेकित विकास के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्प है. पहले से चल रही विभिन्न योजनाओं से गांव एवं शहरों के आर्थिक तथा सामाजिक परिवेश में सकारात्मक बदलाव आया है. इस पहल को आगे बढाते हुए अब राज्य सरकार चाहती है कि सभी लोगों को आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हों। गांव एवं शहरों में सभी घरों को स्वच्छ पेयजल पाइपलाइन के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं महिलाओं की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुये राज्य के सभी घरों में शौचालय की व्यवस्था की जायेगी.

औद्योगीकरण को बढ़ावा

कोविंद ने कहा कि बिहार में सडकों तथा पुल-पुलियों का जाल बिछाकर राज्य के हर सुदूर क्षेत्र से छह घंटे में राजधानी पटना पहुंचने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है. इस लक्ष्य को घटाकर पांच घंटे किया गया है और इसके लिये योजनाबद्ध ढंग से कार्य किया जायेगा. पथ निर्माण विभाग एवं ग्रामीण विभाग दोनों ने मिलकर अबतक 66 हजार 5 सौ किलोमीटर से अधिक वृहद एवं ग्रामीण सडकों का निर्माण एवं उन्नयन किया गया है. संपर्कता बढाने हेतु 5500 से अधिक वृहद पुल का निर्माण कराया है. नई आधाभूत सरंचना के निर्माण के साथ साथ ग्रामीण पथों के अनुरक्षण पर भी काम कर रही है.

उन्होंने कहा कि औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिये प्रगतिशील औद्योगिक प्रोत्साहन नीति का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जा रहा है. राज्य में 306 औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन प्रारंभ हो गया है एवं 183 इकाइयों की स्थापना का कार्य प्रगति पर है. कुल मिलाकर लगभग 7560 करोड रुपये का निवेश हुआ है. खाद्य प्रसंस्करण, कृषि यंत्र उद्योग एवं सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग को थ्रस्ट एरिया मानते हुये प्रोत्साहन हेतु विशिष्ट नीतियां बनायी गयी है. पर्यटन क्षेत्र एवं स्वास्थ्य क्षेत्र के लिये विशिष्टि नीतियों को बनाने का काम अंतिम चरण में है.

इस अवसर पर बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, सदन में प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी, पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी एवं जीतना राम मांझी सहित बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों के सदस्यगण उपस्थित थे.

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