पटना : राजधानी के बड़े व्यवसायियों में शुमार कैसेट किंग रामजी प्रसाद गुप्ता की हत्या पखवारे भर बाद भी पुलिस के लिए रहस्य बनी हुई है. इसमें कॉन्ट्रैक्ट कीलरों का हाथ था. उन्हें सुपारी किसने दी, इसका अभी खुलासा नहीं हो पाया है.
जिस तरह योजनाबद्ध तरीके से उनकी हत्या की गयी, उससे इसमें किसी करीबी का हाथ होने का शक है. यह करीबी कौन है? इसके बारे में पुलिस को कुछ सुराग भी मिले हैं, लेकिन वह अब तक उनकी पकड़ से दूर है. श्री गुप्ता जिस अपार्टमेंट में रहते थे, उसके आस-पास करीब 30 कट्ठे का एक प्लॉट है.
इसे लेकर विवाद चल रहा था. गुप्ता मार्केट में भी कई दुकानदारों से पैसे की लेन-देन को लेकर उनका विवाद चल रहा था. पुलिस ने ऐसे कई संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की, पर कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पायी. पुलिस उनके चार बेटों व अपार्टमेंट के गार्ड संजय से भी लंबी पूछताछ कर चुकी है.
24 अक्तूबर की हुई थी हत्या : श्री गुप्ता की राजधानी में काफी संपत्ति है. जिस अपार्टमेंट में वह अपने बेटों के साथ रहते थे, वह उन्हीं की जमीन पर बनी हुई है. न्यू पाटलिपुत्र कॉलोनी के जग कैलाश पैलेस अपार्टमेंट में कुल 13 फ्लैट हैं. छह में उनके बेटे व वह खुद रहते थे. वहीं, सात अपार्टमेंट बिल्डर सतीश पाठक के हिस्से में है, जिसमें उन्होंने किराया लगा दिया है या बेच दिया है.
कुछ साल पहले रामजी प्रसाद गुप्ता आरपीजी नाम से केबल चैनल भी चलाया करते थे. इसी के साथ वह बी सिरीज नाम से कैसेट भी निकला करते थे. फिलहाल, दोनों कामों को उन्होंने बंद कर दिया था. उनकी जहां हत्या हुई थी, उसके सामने अपार्टमेंट से निकलने के लिए तीन फुट का एक गेट लगा हुआ है.
यह गेट सुबह में खुलता है और देर रात बंद होता है. इसी रास्ते से हर दिन अपार्टमेंट के लोग और वह आया-जाया करते थे. उनकी हत्या के बाद अपराधी उसी रास्ते से भागे व अल्पना मार्केट के समीप पहले से लगा रखी बाइक पर सवार होकर पाटलिपुत्र कॉलोनी की ओर निकल गये. इससे लगता है कि अपराधियों को घटनास्थल के साथ आरपीजी की गतिविधियों की पूरी जानकारी थी.