स्टोरी : न केमिकल, न लैब, ऐसे ही मिल जायेंगे प्रायोगिक परीक्षाओं के अंक!सेंटअप परीक्षा नजदीक आते ही स्कूलों को परीक्षार्थियों के लिए लैब की सताने लगी चिंता संवाददाता, पटना15 दिसंबर से सभी स्कूलों में सेंटअप परीक्षा शुरू हो जायेगी. 30 अंक की प्रायोगिक परीक्षाएं भी स्कूलों में ही ली जानी हैं, पर स्कूल के लैब में न तो केमिकल है और न ही लैब शिक्षक. ऐसे में बच्चे बिना केमिकल और लैब के ही परीक्षा में पास कर दिये जायेंगे. यह हाल है पटना जिले के हाइस्कूलों का है, जहां बच्चे बिना लैब व केमिकल के पढ़ाई करने काे मजबूर हैं.ताकि अटेंडेंस प्रॉब्लम न हो स्कूलों में अभी से परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी गयी है. बोर्ड परीक्षार्थी भी इसके लिए कक्षाओं में नियमित पहुंचने लगे हैं, ताकि परीक्षा फाॅर्म भरने के समय अटेंडेंस प्रॉब्लम न हो. बच्चों की इस तैयारी में अब भी स्कूल पूरी तरह से तैयार नहीं है. स्कूल में साइंस परीक्षार्थियों के प्रयोगशाला में लैब की व्यवस्था की गयी है, पर लैब में न तो बच्चों के सिलेबस से जुड़े केमिकल हैं और न ही इक्यूपमेंट, जिससे बच्चे प्रैक्टिकल कर सकें. कमरे में बंद पड़े हैं लैबपटना जिला में 243 हाइस्कूल हैं. इन स्कूलों में लैब की व्यवस्था की गयी है. बावजूद इन स्कूलों के लैब कमरे में बंद पड़े हैं. ज्यादातर स्कूलों में शिक्षक व कमरे के अभाव में लैब बंद पड़ा है तो कहीं स्कूल की लापरवाही से कुछ स्कूलों में शिक्षक हैं भी तो उनमें सिलेबस से संबंधित केमिकल नहीं होने से बच्चे इसका समुचित लाभ नहीं ले पा रहे हैं.बीएन कॉलेजिएट के लैब में स्क्रूटनी की कॉपियांबीएन कॉलेजिएट स्कूल के लैब वाले कमरे में स्क्रूटनी की काॅपियां रखी पड़ी हैं. बच्चों का लैब पूरी तरह से बंद पड़ा है. बंद पड़े कमरे में प्रयोग में लाने वाली मशीनें भी पूरी तरह खराब हो चुकी हैं, यही हाल अन्य स्कूलों का है. बांकीपुर गर्ल्स स्कूल की बारहवीं का छात्राओं का कहना है कि पूरे साल लैब में क्लास नहीं होती है, बस परीक्षा के समय बताया जाता है. उन्होंने बताया कि हमारे यहां सेरिक अमोनियम नाइट्रेट व सोडियम बाइकारबोनेट नहीं होने से हमें उसके रिएक्शन के बारे में नहीं बताया जा रहा है.कोटहमारे यहां साइंस की शिक्षिका समय-सयम पर लैब में बच्चियों को क्लास करवाती हैं. इस वर्ष चुनाव कार्यों को लेकर स्कूल में कई कार्य बाधित रहने के कारण केमिकल कम पड़ गये. हालांकि शिक्षिकाओं द्वारा सूचना देने पर इसे स्कूल विकास मद से मंगाया जाता है. विजया कुमारी, प्राचार्य, बांकीपुर गर्ल्स हाइस्कूल हमारे यहां कमरे की कमी है. शिक्षक भी नहीं हैं. शिक्षक के अभाव में जैसे-तैसे विद्यालय का संचालन किया जा रहा है. बच्चों को सिलेबस संबंधी कोई परेशानी न हो इसके लिए बच्चों को बाहर से बुलाये गये शिक्षकों से भी जानकारी दी जा रही है. गायत्री सिंह, प्राचार्य, बीएन कॉलेजिएटसभी स्कूलों को लैब के बेहतर संचालन का निर्देश दिया गया है. इसके लिए स्कूलों के विकास मद की राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र भी मांगा गया है, ताकि उन्हें आगे लैब संबंधी सामग्री की खरीदारी के लिए विभाग द्वारा राशि मुहैया करायी जा सके. डा़ॅ अशोक कुमार, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी\\\\B
स्टोरी : न केमिकल, न लैब, ऐसे ही मिल जायेंगे प्रायोगिक परीक्षाओं के अंक!
स्टोरी : न केमिकल, न लैब, ऐसे ही मिल जायेंगे प्रायोगिक परीक्षाओं के अंक!सेंटअप परीक्षा नजदीक आते ही स्कूलों को परीक्षार्थियों के लिए लैब की सताने लगी चिंता संवाददाता, पटना15 दिसंबर से सभी स्कूलों में सेंटअप परीक्षा शुरू हो जायेगी. 30 अंक की प्रायोगिक परीक्षाएं भी स्कूलों में ही ली जानी हैं, पर स्कूल के […]
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