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अब तक नहीं खुला मानसिक वक्षिप्ति लोगों के लिए होम

अब तक नहीं खुला मानसिक विक्षिप्त लोगों के लिए होम लड़कियाें व महिलाओं के लिए ‘आसरा’ और लड़कों के लिए ‘कोशिश’ नाम से खुलना थासंवाददाता, पटना मानसिक रूप से विक्षिप्त लोगों की अच्छे से देख-रेख हो सके. इसके लिए पटना जिला में लड़के व लड़कियों के लिए अलग-अलग होम की व्यवस्था की जानी थी. इस […]

अब तक नहीं खुला मानसिक विक्षिप्त लोगों के लिए होम लड़कियाें व महिलाओं के लिए ‘आसरा’ और लड़कों के लिए ‘कोशिश’ नाम से खुलना थासंवाददाता, पटना मानसिक रूप से विक्षिप्त लोगों की अच्छे से देख-रेख हो सके. इसके लिए पटना जिला में लड़के व लड़कियों के लिए अलग-अलग होम की व्यवस्था की जानी थी. इस कड़ी में लड़कियाें व महिलाओं के लिए ‘आसरा’ और लड़कों के लिए ‘ कोशिश ‘ के नाम से खोला जाना था. बावजूद इसके शहर में लड़कों के लिए अब तक एक भी होम की व्यवस्था नहीं की गयी है. सामान्य बच्चों के साथ रह रहे ऐसे बच्चेइससे मानसिक रूप से विकलांग बच्चों को सामान्य बच्चों के साथ रखना पड़ रहा है. इन बच्चों को केयर करने के लिए डॉक्टर और अलग से केयर टेकर की जरूरत होती है, जो सामान्य होम में नहीं मिल पा रही है. अनाथ व मिसिंग बच्चाें के लिए संचालित होम अपना घर में कुल 135 से अधिक बच्चे रहते हैं. इनमें 30 से 35 बच्चे ऐसे हैं, जो मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं. इन बच्चों के लिए न तो अलग से डॉक्टर की व्यवस्था है आैर न ही केयर की, ताकि इनका इलाज हो सके. ऐसे में होम में बच्चों की देखभाल में कई तरह की परेशानियां हो रही हैं.अलग-अलग उम्र की महिलाओं के लिए : समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत सामाजिक सुरक्षा निदेशालय की ओर से बीते वर्ष पाटलिपुत्रा में ‘ आसरा ‘ नामक तीन होम खोले जाने थे, पर अब तक एक होम से ही काम चलाया जा रहा है. इसमें अलग-अलग उम्र की महिलाओं के लिए होम की व्यवस्था की जानी थी. 50 लाख रुपये की लागत से 50 बेड वाले एक होम खोले गये हैं, जहां मानसिक रूप से विक्षिप्त महिलाओं व लड़कियों को रखा जा रहा है.कोट एक होम पिछले वर्ष खोला गया है. दो और होम खाेले जाने हैं. बजट कम पड़ने के कारण इसे फिर से रिवाइज किया है. 50 से बढ़ाकर अब 70 किया गया है. जल्द ही कैबिनेट में पास होने के बाद दो अौर जगहों पर खोला जायेगा. लड़कों के लिए भी जल्द खुलेगा. इमामुद्दीन अहमद, निदेशक, समाज कल्याण\\\\B

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