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कैबिनेट के फैसले: अधिकतम 300 प्रति एकड़ डीजल सब्सिडी, बुआई से पहले सब्सिडी

पटना: राज्य सरकार रबी फसलों के एक पटवन के िलए किसानों को प्रति एकड़ तीन सौ रुपये डीजल अनुदान देगी. कुल तीन पटवन के लिए डीजल अनुदान मिलेगा. इनमें से एक पटवन का अनुदान बुआई के पहले ही मिल जायेगा. यह निर्णय शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में लिया गया. नयी सरकार के गठन के […]

पटना: राज्य सरकार रबी फसलों के एक पटवन के िलए किसानों को प्रति एकड़ तीन सौ रुपये डीजल अनुदान देगी. कुल तीन पटवन के लिए डीजल अनुदान मिलेगा. इनमें से एक पटवन का अनुदान बुआई के पहले ही मिल जायेगा. यह निर्णय शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में लिया गया. नयी सरकार के गठन के बाद कैबिनेट की यह दूसरी बैठक थी.

बैठक के बाद कैबिनेट के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि किसानों को प्रति लीटर 30 रुपये डीजल अनुदान देने का निर्णय लिया गया है. किसानों को अधिकतम प्रति एकड़ तीन सौ रुपये अनुदान मिलेगा. खरीफ फसलों के लिए स्वीकृत 315 करोड़ रुपये में से 115 करोड़ रुपये भुगतान का निर्णय लिया गया है.
समय से पूर्व पहुंचे नये कैबिनेट मंत्री : कैबिनेट की बैठक में अधिकतर मंत्री निर्धारित समय सुबह 11 बजे से पहले पहुंचे. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव और स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव भी शामिल थे. ये दाेनों बैठक में 15 मिनट पहले पहुंचे. पहली बैठक में जहां एक ही वाहन से तेजस्वी व तेज प्रताप शामिल होने आये थे, वहीं इस बार दोनों मंत्री भाई अलग-अलग वाहनों से आये.
गुड़गांव की कंपनी राजगीर में बनायेगी दूसरा रोप-वे
कैबिनेट सचिव ने बताया कि राजगीर में चालू रोप-वे के समानांतर एक नया रोप-वे बनेगा. इस पर 20 करोड़ 18 लाख 56 हजार रुपये खर्च होंगे. इसके निर्माण का काम गुड़गांव की राइट्स लिमिटेड करेगी. उन्होंने बताया कि 1969 में बना रोप-वे पुराना हो चुका है. हालांकि इसे भी चालू रखा जायेगा. मेहरोत्रा ने बताया कि नया रोप-वे आधुनिक होगा और पूरी तरह से शीशे से ढका होगा. इसके निर्माण का निर्णय 2010 में ही लिया गया था. इसके लिए 10.84 करोड़ रुपये स्वीकृत भी किये गये थे. पर, समय पर काम शुरू नहीं हाेने के कारण इसकी लागत में वृद्धि हुई है. उन्होंने बताया कि न्यायालय के निर्देश पर खनन सर्वेक्षण संस्थान के प्राचार्य को उत्तरदायित्व के निर्वाह के लिए पारिश्रमिक के भुगतान का निर्णय और पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान के कनीय शोध पदाधिकारी डाॅ सुबोध कुमार को बरखास्त करने का निर्णय लिया गया.
संपूर्ण वित्तीय प्रबंधन होगा ऑनलाइन, लाभुकों को बैंक खाते में मिलेगा लाभ
बैठक में कुल छह एजेंडाें पर निर्णय लिये गये. मेहरोत्रा ने बताया कि राज्य के सभी कोषागार और वित्तीय प्रबंधन कंप्यूटराइज्ड होगा. इस पर लगभग 220 करोड़ रुपये खर्च होंगे. पूरी तरह से कंप्यूटराइज्ड होने और इ-निधि विकसित होने से बजट बनाने, एसी-डीसी बिल का समावेश करने, इससे संबंधित समस्या और समाधान सहित सभी काम ऑनलाइन होंगे. इससे राशि की प्राप्ति और भुगतान के वास्तविक समय की जानकारी मिल सकेगी. बजट प्रबंधन और फंड प्रबंधन भी आसान हो जायेगा. सभी तथ्यों की इंट्री एक ही प्वाइंट से हो सकेगी. उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था से जहां लेखा की समस्या दूर होगी, वहीं रिजर्व बैंक, वित्त मंत्रालय, केंद्र सरकार, एजेंसी बैंक, सभी विभाग सहित सभी स्टेक होल्डर्स एक ही मंच पर काम करेंगे.

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