जांच के दौरान यह बात सामने आयी है कि यहां पढ़ानेवाले शिक्षकों को जितनी सैलरी वास्तव में दी जाती है, उससे काफी कम सैलरी कागज पर दिखायी जाती है. कागज पर कम सैलरी दिखा कर टीडीएस में आसानी से गड़बड़ी की जाती है. कम सैलरी लेनेवाले इन चुनिंदा शिक्षकों पर भी आयकर विभाग की गाज गिर सकती है. इन शिक्षकों के यहां भी आयकर विभाग सर्च कर सकता है. इनके आयकर जमा करने से संबंधित दस्तावेजों को भी विभाग देख सकता है. फिलहाल विभाग इनसे जुड़े कागजात की गहन जांच कर रहा है. ये शिक्षक पहले जिस कोचिंग से आये थे, वहां इन्हें कितनी सैलरी मिलती थी. वर्तमान में जितनी बढ़ी हुई सैलरी ले रहे हैं, उसके हिसाब से टैक्स दे रहे हैं या नहीं. इस तरह की तमाम बातों पर गहनता से जांच की जा रही है.
इसके अलावा पार्थ आश्रम कोचिंग संस्थान प्रोफेशनल टैक्स देने में भी काफी गड़बड़ी करता है. जितना प्रोफेशनल टैक्स होना चाहिए, उसे 10 फीसदी कम करके दिखाते हैं. साथ ही कम आमदनी दिखा कर भी प्रोफेशनल टैक्स कम जमा करते हैं. इस तरह की अन्य कई गड़बड़ी अब तक हुई जांच में सामने आयी है. अभी इसकी जांच जारी है. इसमें अन्य कई तरह की गड़बड़ी सामने आ सकती है. टीडीएस संबंधित अन्य कई गड़बड़ी दूसरे कई कोचिंग संस्थानों में भी होने की सूचना विभाग को मिली है. इन संस्थानों पर भी आयकर अपना शिकंजा कस सकता है.