पटना: नगर निगम क्षेत्र में होर्डिग को लेकर नगर आवास विकास विभाग ने आठ माह पहले विज्ञापन नीति की अधिसूचना जारी की थी. सभी नगर आयुक्तों व मेयर को निर्देश दिया गया था कि अपने-अपने निगम में इसे शीघ्र लागू करें.
गत माह हुई निगम बोर्ड की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी गयी. इसके बावजूद अब तक नयी विज्ञापन नीति को लागू नहीं किया गया. इससे नगर निगम को सालाना 50 करोड़ से अधिक के राजस्व का नुकसान हो रहा है. नयी विज्ञापन नीति के अनुरूप निबंधन के लिए एजेंसियों को नोटिस भी दिया गया, लेकिन उन पर कोई असर नहीं हुआ.
कारगर नहीं रहा अभियान
विज्ञापन एजेंसियों पर नकेल कसने के लिए निगम प्रशासन ने कई योजनाएं बनायीं. इनके तहत विज्ञापन होर्डिग काटने और जब्त करने का भी अभियान चलाया. लेकिन, कभी अभियान सफल नहीं रहा. पिछले वर्ष तत्कालीन नगर आयुक्त पंकज कुमार पाल ने विज्ञापन एजेंसियों को नोटिस जारी किया था.
इसमें कहा गया था कि वे शीघ्र बकाया राशि का भुगतान कर दें, अन्यथा विज्ञापन होर्डिग हटा दिये जायेंगे. तय समय सीमा के बाद निगम प्रशासन ने अभियान चलाया. अभियान के पहले दिन विज्ञापन एजेंसियों ने दो करोड़ रुपये जमा किये. चार-पांच दिनों तक चले अभियान में 17 यूनिपॉल को काट गिराया गया. लेकिन, छठे दिन इसकी धार कुंद हो गयी. विज्ञापन एजेंसियों ने हाइकोर्ट में मामला दर्ज कराया, जो अब तक चल रहा है.