पटना: रिपोर्ट कार्ड के बहाने अब बिहार की राजनीति गरमायेगी. इसकी वजह लोकसभा चुनाव को लेकर अपने-अपने ढंग से तैयारी करना व जनता को कार्यक्रम व उपलब्धियों से रिझाना है. सरकार की ओर से 26 नवंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आठवीं बार अपनी सरकार की उपलब्धियों का रिपोर्ट कार्ड जारी करेंगे. रिपोर्ट कार्ड को अंतिम टच दिया जा रहा है. राजद भी सरकार की नीतियों की विफलताओं व खराब विधि-व्यवस्था में गिरावट समेत अन्य मुद्दों को जोड़ आरोप पत्र जारी करेगा.
सीएस ने की समीक्षा : गुरुवार को मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा ने रिपोर्ट कार्ड के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की. रिपोर्ट कार्ड में मूल रूप से गांव-गांव तक बिजली पहुंचाने पर ज्यादा फोकस किया गया है.
इसमें यह बात प्रमुखता से उठायी गयी है कि 2015 तक हर गांव में 24 घंटे बिजली कैसे पहुंचेगी. अगले वर्ष तक किन-किन विद्युत संयंत्रों से उत्पादन शुरू हो जायेगा. ट्रांसमिशन व डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को दुरुस्त करने की दिशा में अब तक क्या-क्या किये गये और आगे क्या किया जायेगा. इसे प्रमुखता दी गयी है.दूसरा फोकस कृषि के विकास पर है.
सरकार ने पिछले वर्ष कृषि रोड मैप लांच किया है. उसके माध्यम से अब तक क्या उपलब्धियां हासिल हुई. उस पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है. तीसरा फोकस रोजगार पर होगा. पिछले एक वर्ष के दौरान 15 से 20 हजार लोगों को स्थायी नौकरी देने का दावा किया गया है.अभी 10 हजार और लोगों को स्थायी नियुक्ति देने की प्रक्रिया जारी होने की बात कही गयी है. इसके अलावा विधि-व्यवस्था में सुधार, पुलिस में नयी नियुक्तियां, बोध गया बम ब्लास्ट व गांधी मैदान सीरियल ब्लास्ट पर भी रिपोर्ट में चर्चा होगी.