पटना : जदयू के दो विधान पार्षदों शिव प्रसन्न यादव और मंजर आलम की सदस्यता खत्म करने के लिए जदयू ने बिहार विधान परिषद् के सभापति अवधेश नारायण सिंह से सिफारिश की है.
विधान परिषद में जदयू के मुख्य सचेतक संजय कुमार सिंह उर्फ गांधीजी ने दोनों विधान पार्षदों के पर पार्टी के विरुद्ध काम करने का आरोप लगाया है. विधान पार्षद मंजर आलम की पत्नी जेबा खातून जोकीहाट से हिंदुस्तानी अवाम मोरचा सेकुलर की टिकट पर चुनाव लड़ी थी.
वहीं, विधान पार्षद शिव प्रसन्न यादव के बेटे शैलेंद्र यादव दरौंदा से निर्दलीय चुनाव लड़े थे. यह कदम पार्टी विरोधी है इसलिए पार्टी उनकी विधान परिषद् की सदस्यता खत्म करने की मांग करती है. इससे पहले जदयू ने विधान पार्षद नरेंद्र सिंह, महाचंद्र सिंह और सम्राट चौधरी की सदस्यता रद्द करने की भी विधान परिषद के सभापति से मांग की है. विधान पार्षद मंजर आलम ने कहा कि उनकी पत्नी जेबा खातुन हम के टिकट पर चुनाव लड़ी थी. मैं खुद (मंजर आलम) जोकीहाट से एक बार विधायक रह चुका हूं.
पार्टी इसे गलती मानती है तो वे नयी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह से पहले ही वे अपना इस्तीफा दे देंगे. विधान पार्षद शिव प्रसन्न यादव ने कहा कि उनके बेटे शैलेंद्र यादव दरौंदा विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़े थे. वे तो प्रचार-प्रसार में भी गये नहीं, लेकिन उन्हें हटाने की सिफारिश किये जाने की बात आ रही है. वे नीतीश कुमार से नौ नवंबर को मिले थे. वे फिर से समय लेंगे अौर मिलेंगे. अगर वे इशारा भी कर देते हैं तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
वे नीतीश कुमार का आदर करते थे, करते हैं और आगे भी करते रहेंगे.उन्होंने कहा कि तुभ्यम् वस्तु गोविंदम, तुभ्यमेव समर्पयेत्….नीतीश कुमार ने भी उन्हें विधान पार्षद बनाया था और वे उनके इशारा पर ही इस्तीफा दे देंगे.
