पटना: सारण के तत्कालीन डीआइजी व 1997 बैच के आइपीएस अधिकारी आलोक कुमार का निलंबन बरकरार रहेगा. मुख्य सचिव की अध्यक्षतावाली उच्चधिकार समिति ने यह फैसला लिया है. सरकार ने उन्हें पांच फरवरी को निलंबित किया था. इसके बाद आठ जुलाई को सरकार ने उनकी सेवा उनके मूल कैडर जम्मू-कश्मीर को वापस कर दी थी.
मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा की अध्यक्षतावाली कमेटी ने कहा है कि उन्हें निलंबित करने का जो कारण था, वह अभी बरकरार है, इसलिए उनके निलंबन को बरकरार रखा जाना उचित है. उनके खिलाफ सरकार की ओर से विभागीय कार्यवाही भी चल रही है. वहीं उनके मामले की गृह मंत्रलय भी मॉनीटरिंग कर रहा है और श्री कुमार ने अपने निलंबन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल कर रखी है. 20 जनवरी, 2013 को शराब व्यवसायी टुन्ना पांडेय ने उन पर 10 करोड़ रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
सरकार ने पूरे मामले की जांच करायी थी, इसके बाद उन्हें निलंबित करते हुए उन्हें पुलिस मुख्यालय में योगदान कराने का निर्देश दिया था. बाद में उनका मुख्यालय एडीजी बीएमपी निर्धारित किया गया था.