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केंद्र के कामकाज का रेफरेंडम होगा चुनाव परिणाम : वशष्ठि नारायण सिंह

केंद्र के कामकाज का रेफरेंडम होगा चुनाव परिणाम : वशिष्ठ नारायण सिंहप्रचंड बहुमत से महागंठबंधन की जीत होगी ब्यूरो, नयी दिल्ली विधानसभा चुनाव में महागंठबंधन की भारी जीत होगी. विधानसभा चुनाव को भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से अपने प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाकर लड़ा उसके परिणाम भी भाजपा और पीएम को उतने […]

केंद्र के कामकाज का रेफरेंडम होगा चुनाव परिणाम : वशिष्ठ नारायण सिंहप्रचंड बहुमत से महागंठबंधन की जीत होगी ब्यूरो, नयी दिल्ली विधानसभा चुनाव में महागंठबंधन की भारी जीत होगी. विधानसभा चुनाव को भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से अपने प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाकर लड़ा उसके परिणाम भी भाजपा और पीएम को उतने हीं चौंकाने वाले मिलेंगे. क्योंकि बिहार चुनाव केंद्र सरकार के काम-काज का रेफरेंडम होगा. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने मीडिया से कहा कि यह चुनाव राष्ट्रीय महत्व का हो गया. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पूरी केंद्र सरकार बिहार में डेरा डाले हुये थी. स्वतंत्र भारत के इतिहास में किसी राज्य विधानसभा के चुनाव में भारत के प्रधानमंत्री इतनी ज्यादा संख्या में अबतक रैली नहीं की है. पीएम ने कुल 30 सभाएं की. जब वह(पीएम)सभाएं करते थे, तो यह भूल जाते थे कि वह पूरे देश के पीएम है, जबकि बिहार भी देश का ही हिस्सा हैं. यही हाल भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का रहा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नीचा दिखाने के लिए राजनैतिक प्रतिद्वंद्विता से आगे जाकर पीएम ने अपने व्यक्तिगत प्रतिष्ठा का सवाल बनाकर नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के ऊपर प्रहार करते रहें. अनर्गल आरोप लगाते रहे. निश्चित रूप से देश की हालात और शासन व्यवस्था किस तरह से चल रही है, यह चुनाव परिणाम साबित करेगा. उन्होंने कहा कि पीएम ने ईष्या, द्वेष, जलन और घृणा का भाव नीतीश कुमार के प्रति व्यक्त किया, जबकि उन्हें यह याद रखना चाहिए था कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं. पीएम ने अपने प्रथम सभा में ही नीतीश कुमार के ही डीएनए पर सवाल उठाया, इतना ही नीतीश कुमार के साथ ही पूरे बिहार के जनता का अपमान करने का भी काम किया. लालू प्रसाद को शैतान तक कह दिया. पीएम के ऐसे वक्तव्यों को राज्य की जनता ने स्वीकार नहीं किया और यही कारण है कि महागंठबंधन प्रचंड बहुमत से जीत रही है. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस चुनाव परिणाम से कई मिथक भी टूटेंगे. पहले के चुनावों में कहा जाता रहा है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह कुशल प्रबंधनकर्ता हैं. उनको जीत की आदत सी पड़ गयी है. उनको चाणक्य तक भी कह दिया जाता था, लेकिन बिहार चुनाव परिणाम यह स्पष्ट करेगा कि उनके बिहार में डेरा डाल देने के बाद भी उनका प्रबंधन क्षमता काम नहीं किया, क्योंकि जबतक जनता आपके साथ नहीं है, तबतक प्रबंधन से ही जीत नहीं दर्ज की जा सकती है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भाजपा हार चुकी है और उनके नेता यह मानने भी लगे हैं, इसीलिए भाजपा नेता बिहार चुनाव को केंद्र सरकार का रेफरेंडम मानने से इंकार कर रहे हैं. इतना ही नहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह अमित शाह को अध्यक्ष पद से नहीं हटाने की बात कह रहे हैं. यह सारी बातें यह साबित करता है कि भाजपा को खुद भी यह अहसास हो चुका है कि वह लड़ाई में हार चुकी है. एक अन्य सवाल के जवाब में प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि महागंठबंधन की जीत पर लोकतंत्र में विश्वास करने वाले आम जनता, बुद्धिजीवियों, कलाकारों, चित्रकारों सहित देश में शांति बनाये रखने वाले सभी के घरों में पटाखे जरूर फूटेंगे.

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