पटना: चुनावी भाग-दौड़ में अफसर शायद उम्मीदवारों के खर्च का हिसाब रखना ही भूल गये ! सुनने में भले ही आश्चर्य लगे, लेकिन यह सच है. चुनाव आयोग ने सभी निर्वाची पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र के उम्मीदवारों के खर्च का ब्योरा सार्वजनिक करने के लिए उसे जिले के आधिकारिक वेबसाइट पर डालने की घोषणा की थी, लेकिन मतदान खत्म होने के बाद भी पटना जिले के अधिकांश विधानसभा क्षेत्रों के खर्च का ब्योरा वेबसाइट पर नहीं डाला गया है.
छह विधानसभा क्षेत्रों ने नहीं दिया ब्योरा
जिले के चौदह विधानसभा क्षेत्रों में से छह ने ही 24 अक्तूबर तक का अपडेट ब्योरा वेबसाइट पर डाला है. इनमें बाढ़, बख्तियारपुर, दानापुर, मनेर, मसौढ़ी व पालीगंज शामिल है. दो विधानसभा क्षेत्रों मोकामा व कुम्हरार ने 18 अक्तूबर तक ही अधूरा ब्योरा दिया है. छह विधानसभा ने कोई ब्योरा ही नहीं दिया है. दीघा, बांकीपुर, पटना साहिब, फतुहा, फुलवारी व बिक्रम विधानसभा क्षेत्र के निर्वाची पदाधिकारी ने उम्मीदवारों के एक रुपये के खर्च की जानकारी भी नहीं दी है.
बनी थी भारी-भरकम टीम
चुनावी खर्च पर निगाह रखने को लेकर चुनाव आयोग के निर्देश पर व्यय लेखा कोषांग की भारी-भरकम टीम बनायी गयी थी. इस टीम में वाणिज्य कर व अंकेक्षण से जुड़े अधिकारियों के साथ ही वरीय उप समाहर्ता व एडीएम स्तर के अधिकारी तैनात किये गये. इसके साथ ही चुनाव आयोग का स्पेशल ऑब्जर्वर भी नियुक्त किया गया. बावजूद उम्मीदवारों के खर्च की व्यय पंजी सार्वजनिक नहीं की जा सकी.
खर्च के मुकाबले में भाजपा अव्वल
छह विधानसभा क्षेत्रों के दिये गये अपडेट खर्च का आकलन करें तो 24 अक्तूबर तक सबसे अधिक राशि भाजपा उम्मीदवारों ने खर्च किये. दानापुर की भाजपा प्रत्याशी आशा देवी ने 16.95 लाख, बख्तियारपुर से भाजपा प्रत्याशी रणविजय सिंह उर्फ लल्लू मुखिया ने 16.90 लाख और मनेर के श्रीकांत निराला ने 10.95 लाख रुपये खर्च किये. बाढ़ के भाजपा प्रत्याशी ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने 12.14 लाख और पालीगंज के भाजपा प्रत्याशी रामजन्म शर्मा ने 08.06 लाख रुपये खर्च किये.
महागंठबंधन भी नहीं रहा पीछे
महागंठबंधन में सबसे अधिक 9.91 लाख बाढ़ के जदयू उम्मीदवार ने, 09.11 लाख मसौढ़ी की राजद प्रत्याशी रेखा देवी ने और बख्तियारपुर के राजद प्रत्याशी अनिरुद्ध यादव 09.04 लाख रुपये खर्च किये. निर्दलीय उम्मीदवारों में दानापुर के टिंकु यादव ने 13.45 लाख जबकि बाढ़ के अनंत कुमार सिंह ने 18 अक्तूबर तक 8.24 लाख रुपये की राशि खर्च की.
वाहन, इंधन व चाय पर अधिक पैसे खर्च
प्रत्याशियों द्वारा खर्च की गयी राशि का सबसे बड़ा हिस्सा वाहन, इंधन व चाय पर हुआ है. इसके बाद टेंट व कुरसियों पर पैसे खर्च हुए. कुछ उम्मीदवारों ने चुनावी कार्यालय वार खर्च की जानकारी दी है, जबकि कुछ ने सिर्फ वाहन पर हुए खर्च को जुड़वा दिया है. मसौढ़ी के माले उम्मीदवार गोपाल रविदास ने अपना पूरा प्रचार ऑटो पर किया. बिक्रम के अरबपति उम्मीदवार आरके शर्मा के खर्च का ब्योरा भी नहीं मिल सका है.
अंतिम खर्च का ब्योरा मतगणना बाद
सभी उम्मीदवारों को मतगणना परिणाम के तीस दिन के अंदर एक बार फिर व्यय की जानकारी देनी होगी. इस दौरान व्यय रजिस्टर का अंतिम सत्यापन किया जायेगा.
उम्मीदवारों के खर्च का ब्योरा वेबसाइट पर डालना रिटर्निंग अफसर की जिम्मेवारी है. सभी उम्मीदवारों के 24 अक्तूबर तक के खर्च की जांच कर ली गयी है. जल्द ही उनको वेबसाइट पर डाल कर अपडेट कर दिया जायेगा.
डॉ प्रतिमा, डीएम