पटना : चुनाव, त्योहार व रैली में कोई भगदड़ या दुर्घटना के लिए अस्पतालों में दवा की व्यवस्था हो जाती है. लेकिन, आम दिनों में इलाज के लिए आनेवाले मरीजों को दवा मिलेगी या नहीं इसको लेकर कोई व्यवस्था नहीं होती है. सरकारी अस्पतालों का दवा भंडार 95 प्रतिशत तक खाली हो चुका है और पीएमसीएच के ओपीडी में इलाज के लिए आनेवाले मरीजों को महज चार तरह की दवाइयां ही मिल रही है. पर यह दवाइयां हर मरीजों के काम की नहीं है.
बीएमएसआइसीएल, अधीक्षक व सिविल सर्जन तीनों मिल कर भी दवा के नाम पर कुछ नहीं कर पा रहे है और दवा भंडार खाली पड़ा है. स्वास्थ्य विभाग की लाख कोशिशों के बाद भी काॅरपोरेशन में अभी तक टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी है. विभाग दवा खरीद की जिम्मेवारी अधीक्षक व सिविल सर्जन को सौंप कर आराम से प्रक्रिया कर रही है. ऐसे दवा खरीद की प्रक्रिया एक साल से चल रही है. लेकिन, इसको लेकर अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है.
ओपीडी व इमरजेंसी में अभी दवाओं की कमी नहीं है. लेकिन, दवा के लिए टेंडर किया गया है. बहुत जल्द दवा की खरीद होगी. कुछ दवाइयों के लिए काॅरपोरेशन को भी लिखा गया है.
डॉ लखींद्र, अधीक्षक, पीएमसीएच