पटना: दानापुर व फतुहा रेलवे यार्ड में शुक्रवार को दो ट्रेन का लाइट इंजन पटरी से उतर गया. इस कारण कुछ देर के लिए रेल परिचालन बाधित हो गया. गनीमत कि उस समय कोई व्यक्ति वहां से गुजर नहीं रहा था, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था. हालांकि यह घटना दानापुर मंडल के रेलवे यार्ड में कोई नयी नहीं है.
यार्ड के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते यहां महीने में एक-दो बार इंजन डिरेल होता ही है. इससे ट्रेनों का परिचालन जहां बाधित होता है, वहीं दूसरी ओर अन्य ट्रेन यार्ड के आउटर पर ही खड़ी रहती हैं. खास बात तो यह है कि इस घटना को लेकर डीआरएम की ओर से जांच टीम भी गठित की जाती है, लेकिन रिपोर्ट नहीं आने की वजह से कार्रवाई करने में भी परेशानी हो रही है. नतीजा घटनाओं पर अंकुश नहीं लग पा रहा है.
जांच की नहीं आती है रिपोर्ट
दानापुर मंडल के राजेन्द्र नगर टर्मिनल स्टेशन में 7 सितंबर 2014 को शंटिंग लाइन पर यार्ड से आ रहा इंजन पटरी से उतर गया. तत्काल इसकी सूचना दानापुर मंडल के कंट्रोल रूम को दी गयी थी. वहां से क्रेन व अन्य उपकरण के माध्यम से इंजन पटरी पर लाया गया. उस दौरान मंडल के डीआरएम एनके गुप्ता ने जांच के आदेश दिये थे. आदेश को एक साल से ऊपर हो गये, लेकिन रिपोर्ट आज तक नहीं आ पायी. इस तरह के आदेश दानापुर मंडल में कई बार दिये गये, लेकिन न तो रिपोर्ट आती है और न ही दुर्घटनाओं पर अंकुश नहीं लग पा रहा है.
एक नजर में यार्ड की घटनाएं
30 अक्तूबर 2015 : दानापुर रेलवे यार्ड में मेंटनेंस के लिए भेजा जा लाइट इंजन शंटिंग के दौरान पटरी से उतर गया. कड़ी मशक्कत के बाद उसे दोपहर दो बजे पटरी पर लाया गया. बिना शंट सिग्नल के ही इंजन आगे बढ़ गया था, जिससे ट्रेन पटरी से उतर गयी.
29 अक्तूबर 2015 : फतुहा यार्ड में एक सवारी गाड़ी का इंजन शंटिंग के दौरान ट्रैक से उतर गया. घटना गुरुवार की रात 10 बजे हुई. यार्ड के पांच नंबर लाइन के पास यह घटना हुई थी. बिना लाइन क्लियर के ही ट्रेन को ले जाया जा रहा था.
नवंबर 2014 : राजेंद्र नगर कोचिंग कॉम्पलेक्स में पटना कुर्ला एक्सप्रेस की दो बोगी पटरी से उतर गयी. इससे अन्य ट्रेनों के मेंटनेंस का कार्य बाधित हुआ. कड़ी मशक्त के बाद उसे पटरी पर लाया गया.