पटना सिटी: आतिशबाजी की दुकान से उठी आग की लपटों में नौ दुकानें जल कर राख हो गयीं. अगलगी की इस घटना में करीब दस लाख रुपये के नुकसान का अनुमान है. सिटी फायर स्टेशन की चार यूनिटों ने करीब पांच घंटों के बाद आग पर काबू पाया जा सका. इधर , विस्फोटक अधिनियम की अनदेखी कर पश्चिम दरवाजा से मच्छहरट्टा के बीच पांच सौ अधिक छोटी -बड़ी दुकानें घनी आबादी के बीच खुल गयी हैं, जिस वजह से लोगों में दहशत है.
दहशत में गुजरी रात
खाजेकलां थाना क्षेत्र के अशोक राजपथ से सटे जियातमोलिन गली के समीप होदा मार्केट है. सोमवार की रात 1. 30 बजे अचानक नवी हसन की पटाखे की दुकाने से आग की तेज लपटें व पटाखों की आवाज शुरू हुईं. पूरे मोहल्ले के लोग सड़क पर उतर आये.चूंकि आग की लपट पटाखे की दुकान से उठ रही थी इसलिए स्थानीय लोग सहमे हुए थे. पटाखे दुकान से उठ रहीं आग की तेज लपटों में नौ दुकानें स्वाहा हो गयीं. लोगों ने बिजली के तार पर बांस मारना शुरू कर दिया कि किसी प्रकार हादसे को और बढ़ने से रोका जा सके. इन दुकानों में मो राजू की बरतन दुकान, मो इब्राहिम की प्लास्टिक के सामान की दो दुकानें, मो शमीम कुरैशी की तिरपाल की दुकान, मुकेश यादव की डिटरजेंट की दुकान, महबूब आलम की प्लास्टिक के सामान की दुकान , मो. उवेश के बरतन की दुकान सहित दो अन्य दुकानें.मार्केट में दस दुकानें थीं, जिनमें नौ दुकानों को आग ने लील लिया. दुकानदारों के अनुसार घटना में दस लाख रुपये अधिक की संपत्ति के नुकसान का अनुमान है.
क्या थी हादसे की वजह
आतिशबाजी दुकानों में सुरक्षा के मापदंडों की अनदेखी होती है. ऐसे में जान-माल का खतरा बना रहता है. घटनास्थल से थाने की दूरी महज दस फर्लाग है. छानबीन में पता चला है कि दुकान के बाहर बिजली के तार के स्र्पाक होने के बाद आग कपड़े के बैनर में लग गयी. इसके बाद पटाखे की दुकान आग की चपेट में आ गयी .घटना की सूचना पाकर मौके पर तत्काल सिटी फायर स्टेशन से चार यूनिटें पहुंचीं.स्थानीय लोगों के सहयोग से यूनिट ने करीब पांच घंटे के बाद आग पर पूरी तरह से काबू पाया. सुबह में एसडीओ त्याग राजन एसएम पहुंचे.थानाध्यक्ष प्रेम सागर ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है.
टला बड़ा हादसा
सोमवार की रात बड़ा हादसा टल गया, क्योंकि घटनास्थल से सटे छोटी-बड़ी दुकाने हैं. दुकानें घनी आबादी के बीच हैं. समय रहते आग पर काबू पा लिया गया अन्यथा काफी संख्या में लोगों के जीवन पर खतरे की आशंका थी. महत्वपूर्ण बात यह है कि अशोक राजपथ पर अवैध तरीके से पांच सौ से अधिक पटाखें की दुकानें सजी हैं. दुकानदारों को बालू-पानी व अग्निरोधक यंत्र लगाना अनिर्वाय है, लेकिन दुकानदारों को इन नियम -कानून से कोई मतलब नहीं है. कुछ ही दुकानदार लाइसेंस लेकर धंधा कर रहे हैं. अनुमंडल पदाधिकारी त्याग राजन एसएम ने बताया कि 59 दुकानदारों ने लाइसेंस लिया है. बुधवार से इसकी जांच- पड़ताल होगी, बगैर लाइसेंस के कारोबार नहीं कर सकेंगे.