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अपराधी भी बन गये सिपाही!
विजय सिंह, पटना बिहार पुलिस की सिपाही बहाली में पुलिसवालों के लाडलों ने फर्जीवाड़ा किया है. पटना के थानों में इनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. ये लोग पहचान बदल कर सिपाही बन गये. भरती प्रक्रिया के दौरान वेरिफिकेशन में यह गोलमाल पुलिस नहीं पकड़ पायी है. जो बहाल हुए है, वह अब ड्यूटी कर […]
विजय सिंह, पटना
बिहार पुलिस की सिपाही बहाली में पुलिसवालों के लाडलों ने फर्जीवाड़ा किया है. पटना के थानों में इनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. ये लोग पहचान बदल कर सिपाही बन गये. भरती प्रक्रिया के दौरान वेरिफिकेशन में यह गोलमाल पुलिस नहीं पकड़ पायी है. जो बहाल हुए है, वह अब ड्यूटी कर रहे हैं. यह लोग पहले अपराधी बन कर धौंस जमाते थे और अब सिपाही बनने के बाद रौंब गांठते हैं. पुलिस सूत्र बताते हैं कि अगर गहनता से जांच हो तो बड़ा खुलासा होगा.
अंक पत्र भी है नकली
अपनी असली पहचान छुपाने के लिए इन लोगों ने पहले अपना नाम बदला अौर फिर नकली अंकपत्र तैयार करा लिया. भरती प्रक्रिया के दौरान इसकी जांच हुई पर अंकपत्र का फर्जीवाड़ा पकड़ में नहीं आया. इसके आधार पर इन लोगों ने नौकरी हासिल कर ली है. ऐसे आठ लोग हैं, जो बहाल होने के बाद पटना में तैनात हैं.
ऐसे हुआ है फर्जीवाड़ा
दरअसल वर्ष 2014 की सिपाही बहाली में फर्जीवाड़ा हुआ है. पता चला है कि पटना शहर में रहनेवाले कुछ पुलिस मैन के बेटे इस भरती प्रक्रिया में शामिल हुए हैं. इन लोगों के खिलाफ पटना के थानों में मारपीट, छिनतई, लूट-चोरी के मामले पहले से दर्ज है. क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले ऐसे लोगों ने जब भरती के लिए आवेदन दिया, तो पटना के बजाय अपने पैतृक गांव का पता डाल दिया.
पुलिस ने गांव पर जब वेरिफिकेशन किया, तो इनके आपराधिक इतिहास का पता नहीं चला.
यह मिलीभगत के कारण हुआ या फिर वास्तव में इसकी जानकारी नहीं हो सकी यह तो जांच का विषय है, पर नतीजे की बात करें तो ऐसे आठ लोग अपनी पहचान छुपा कर सिपाही की नौकरी हासिल कर लिए हैं. पुलिस सूत्र बताते हैं कि उनकी तैनाती भी हो गयी है.
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