पटना: गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की रैली ने कुछ लोगों को ऐसा जख्म दिया है कि वे पूरी जिंदगी उसे भुला नहीं पायेंगे. कुछ लोगों के घरों की खुशी मातम में बदल गयी, तो कुछ लोग रैली समाप्त होने के 20 घंटे के बाद भी अपनों की तलाश में भटक रहे हैं. पुलिस सूत्रों की मानें, तो लगभग डेढ़ दर्जन लोग लापता हैं.
पुलिस से लगायी गुहार
28 साल के बेटे की खोज में पिता पागल-सा होकर कभी गांधी मैदान, तो कभी अस्पताल के चक्कर काट रहा है. थक-हार कर पुलिस से अपने बेटे की तलाश की गुहार लगायी. 65 वर्षीय लवकुश शर्मा का 28 वर्षीय बेटा वैभव शर्मा मोदी को सुनने की जिद कर औरगांबाद से गुरुवार की शाम को पटना आया था. पटना में भीड़ की जानकारी लवकुश को थी. इसलिए वह लगातार वैभव के संपर्क में थे. लेकिन, दोपहर बम धमाके के बाद अफरा-तफरी मच गयी. संपर्क टूट गया. लवकुश का वैभव से देर शाम संपर्क न होने की स्थित में वह पटना आ गये. उसके बाद अपने जाननेवालों के साथ गांधी मैदान से लेकर सरकारी-प्राइवेट अस्पतालों में बेटे की खोज में चक्कर काट रहे हैं. लेकिन सोमवार की सुबह तक उनके बेटे का कोई पता नहीं चला.
अनहोनी से सहमे परिजन
मुजफ्फरपुर से रैली में आयी सुशीला देवी का साथ उनके पति हरिपति सिंह से छूट गया है. पति की खोज कर रही सुशीला देवी ने सोमवार की दोपहर पति के गायब होने की सूचना फोन से घरवालों को दी. परिजन किसी अनहोनी की आशंका से कांप जाते हैं.
कहीं से भी नहीं मिल रही मदद
मुजफ्फरपुर के रहनेवाले उमेश कुमार का कहना है कि मोदी का भाषण पूरी जिंदगी के लिए अभिशाप बन गया है. वह अपने बेटे और दोस्त के साथ रविवार की सुबह पटना आये थे. भगदड़ में उनका दोस्त और बेटा बिछड़ गया है. अब वह पुलिस से लोगों को खोजने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन वह मदद नहीं कर रही है.
लापता की तलाश जारी : एसएसपी
पुलिस एसएसपी मनु महाराज का कहना है कि पुलिस लोगों के परिजनों की तलाश के साथ उनकी सुरक्षा का भी ध्यान रख रही है. लापता लोगों की जल्द तलाश कर ली जायेगी.