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‘विचारधारा’ ही नहीं, ‘मुद्दे’ भी बन गये पार्टियों के नाम

रविशंकर उपाध्याय पटना : चुनाव में राजनैतिक पार्टियों के भ्रष्टाचार हटाने के दावे तो बहुत सुने होंगे, लेकिन क्या कोई ऐसी पार्टी देखी है जिसका नाम ही भ्रष्टाचार मिटाओ पार्टी हो? यदि नहीं तो इस चुनाव में आप भारत भ्रष्टाचार मिटाओ पार्टी के उम्मीदवार से भी मिलेंगे. पटना के बाढ़ विधानसभा क्षेत्र से शशिभूषण कुमार […]

रविशंकर उपाध्याय

पटना : चुनाव में राजनैतिक पार्टियों के भ्रष्टाचार हटाने के दावे तो बहुत सुने होंगे, लेकिन क्या कोई ऐसी पार्टी देखी है जिसका नाम ही भ्रष्टाचार मिटाओ पार्टी हो? यदि नहीं तो इस चुनाव में आप भारत भ्रष्टाचार मिटाओ पार्टी के उम्मीदवार से भी मिलेंगे.

पटना के बाढ़ विधानसभा क्षेत्र से शशिभूषण कुमार इसी पार्टी के टिकट पर जनता से वोट की डिमांड करेंगे. भ्रष्टाचार के बाद सबसे कॉमन नारा गरीब और गरीबी का होता है, तो पार्टी इस नाम से क्यों नहीं हो. आम आदमी पार्टी की तर्ज पर गरीब आदमी पार्टी इस बार विधानसभा चुनाव में आपसे गरीबों के नाम पर वोट मांगेगी.

इस बार बिहारवासियों को नेताओं, उनकी बयानबाजी और चुनाव प्रचार के अजब गजब ढंग ही नहीं, पार्टियों के अजीब नाम से भी सामना होगा. इस दौड़ में राष्ट्रीय, राज्यस्तरीय पार्टियों के अलावा कई वैसी पार्टियां भी हैं, जिनका जन्म ही चुनावी मौसम के समयावधि में होता है. इन दलों की सियासी पकड़ भले ही चुनाव के खत्म होने के साथ ही विलीन हो जाती है, लेकिन इनके अजीबोगरीब नामों की फेहरिस्त लोगों के मुख पर एक मुस्कान तो बिखेर ही देता है.

इस बार कुछ पार्टियों के ऐसे नाम हैं, जिनकी आपने कल्पना तक नहीं की होगी.भाषा और क्षेत्र को आधार बनाकर बनी पार्टियों की भी इस बार के चुनाव में मौजूदगी बढ़ी है. इस बार चुनावों में देश और राष्ट्रीयता को केंद्र में रख कर भी पार्टियों का गठन किया गया है. अजीबो-गरीब नामों वाली इन पार्टियों की मंशा क्षेत्र और समाज के नाम पर वोट लेने के साथ-साथ बड़ी पार्टियों से मिलता जुलता नाम रख कर उनके वोट बैंक में सेंध लगाने की भी होती है.

कई के आधार तो भाषा और क्षेत्रीय हैं

राजनैतिक दलों के अजब-गजब नाम भी पूरी रणनीति के बाद बनाये गये हैं. कई के आधार तो भाषा और क्षेत्रीय हैं, लेकिन कई नाम ऐसे हैं जिसे केवल भरमाने के लिए बनाए गए हैं. मसलन आप की तर्ज पर गरीब आदमी पार्टी है, तो वोटरों को भरमाने के लिए बहुजन शक्ति पार्टी नाम से भी एक दल चुनाव मैदान में है.

अब इन पार्टियों के नाम पर गौर करें. संख्यानुपाती भागीदार पार्टी, इंटरनेशनल पार्टी, सर्वजन कल्याण पार्टी, हिंद कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय जागृति पार्टी, भारतीय बहुजन कांग्रेस, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया, क्रांतिकारी विकास दल, नेशनल टाइगर पार्टी, आरक्षण विरोधी पार्टी. इसमें तो कई दल ऐसे हैं, जिनका जन्म चुनावी मौसम में ही हुआ है.

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