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केंद्रीय मंत्रियों पर श्याम रजक भी बरसे, उपाय कुछ नहीं, सिर्फ गलतबयानी

पटना : राज्य सरकार के खाद्य एवं उपभोक्ता सरंक्षण तथा उद्योग विभाग के मंत्री श्याम रजक ने केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान तथा राधामोहन सिंह के अरहर दाल के संबंध में दिये गये बयान को जमाखोरी बढ़ाने की प्रवृति को छुपाने का कुत्सित प्रयास बताया है. उन्होंने कहा कि ये दोनों केंद्र सरकार के बात […]

पटना : राज्य सरकार के खाद्य एवं उपभोक्ता सरंक्षण तथा उद्योग विभाग के मंत्री श्याम रजक ने केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान तथा राधामोहन सिंह के अरहर दाल के संबंध में दिये गये बयान को जमाखोरी बढ़ाने की प्रवृति को छुपाने का कुत्सित प्रयास बताया है. उन्होंने कहा कि ये दोनों केंद्र सरकार के बात बनवा मंत्री हैं.
केंद्रीय मंत्रियों पर पलटवार करते हुए उन्होंने कि आज अरहर दाल का खुदरा मूल्य 200 रूपया प्रति किलो से अधिक हो गया है. इसकी पूर्णं जिम्मेवारी जमाखोरों की संरक्षक केन्द्र सरकार की है. उन्होंने कहा कि जमाखोरी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के प्रावधानों को केंद्र सरकार द्वारा शिथिल किया गया है.
दाल पर भी केंद्र सरकार द्वारा स्थगन आदेश 15. 09.15 के प्रभाव से 15.09.16 तक एक साल के लिये जारी किया गया. किसी भी वर्ष इस स्थगन आदेश में किसी को छूट नहीं दी जाती थी, परन्तु इस वर्ष जमाखोरी बढ़ाने के उद्देश्य से इस प्रास्थगन आदेश से आयात को एवं निर्यातकों को वंचित रखा गया. इस खूली छूट का लाभ उठाते हुए पूंजीपतियों ने दाल की जमाखोरी जम कर की. इससे अरहर दाल का बाजार मूल्य 200 रू प्रति किलो से अधिक हो गयी.
रजक ने कहा कि केंद्र सरकार के परामर्श के अनुसार राज्य सरकार द्वारा स्थगन आदेश तथा भंडारण सीमा पर राज्य सरकार द्वारा निर्णय लिया जा चुका है. परंतु राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण सहमति हेतु निर्वाचन आयोग में प्रस्ताव भेजा गया है.
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दालों के मूल्य नियंत्रण के उदेश्य से सभी जिला पदाधिकारियों को निगरानी तथा अनुश्रवण करनश्का आदेश दिया गया है. कानूनी प्रावधानों के अन्तर्गत जिला पदाधिकारियों द्वारा प्रभावकारी नियंत्रण किया जा रहा है. राज्य सरकार द्वारा भी मुख्यालय स्तर से दैनिक स्तर से पर्यवेक्षण किया जा रहा है.

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