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गरीबों को सस्ती चीनी, चावल और गेहूं से दूर रखा नीतीश ने : सुशील मोदी
पटना : पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राज्य सरकार पर यहां के लोगों को सस्ती चीनी, चावल और गेहूं उपलब्ध कराने में विफल रहने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार ने 17 महीने में डीजल 11़ 59 रुपये और पेट्रोल को 12़ 80 रुपये प्रति लीटर […]
पटना : पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राज्य सरकार पर यहां के लोगों को सस्ती चीनी, चावल और गेहूं उपलब्ध कराने में विफल रहने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार ने 17 महीने में डीजल 11़ 59 रुपये और पेट्रोल को 12़ 80 रुपये प्रति लीटर सस्ता कर बिहार के लाखों किसानों को भरपूर राहत पहुंचाई है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार लाखों गरीबों को केंद्र की अनुदान से 13़ 75 रुपये प्रति किलो मिलने वाली सस्ती चीनी, दाे रुपये किलो गेहूं और तीन रुपये किलो चावल से वंचित रखा है.
मोदी ने कहा कि खुले बाजार में 32 रुपये किलो बिकने वाली चीनी गरीबों को 13.75 रुपये किलो की सस्ती दर पर देने के लिए भारत सरकार 18़ 50 रुपये प्रति किलो की दर से राज्य सरकार को अनुदान देती है. नीतीश कुमार ने घोषणा की थी कि जन वितरण प्रणाली की दुकानों के जरिए हर परिवार को महीने में दो किलो सस्ती चीनी दी जायेगी.
अब नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि त्योहार के समय भी गरीबों को महंगी चीनी क्यों खरीदनी पड़ रही है? जबकि, भारत सरकार गरीबों को दो रुपये किलो गेहूं और तीन रुपये किलो चावल देने के लिए अनाज भेजती है. उन्होंने कहा कि गरीबों को मिलने की जगह सारा अनाज काला बाजार में चला जाता है. महंगाई का शोर मचाने वाले नीतीश कुमार बतायें कि गरीबों का सस्ता अनाज काले बाजार के हवाले करने वाले चोर कौन हैं?
तमाम वादों के बावजूद गरीबों की हकमारी क्यों हो रही है और इसके लिए जिम्मेवार कौन है? नरेंद्र मोदी की सरकार ने 15 महीनों में डीजल को 11.59 रुपये और पेट्रोल को 12.80 रुपये तक सस्ता किया. बिहार सरकार ने उलटे इन पर टैक्स बढ़ा दिये. फिर भी सस्ते डीजल का सर्वाधिक लाभ बिहार के किसानों को मिला.
डीजल 2014 के मूल्य 61.07 रुपये से घट कर 49.48 रुपये और पेट्रोल 78.45 रुपये से घट कर 65.64 रुपये प्रति लीटर रह गया. केंद्र सरकार की वजह से किसानों को मिल रहा यह लाभ नीतीश कुमार को क्यों नहीं दिखाई पड़ता है?
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