जाम-अतिक्रमण जी का जंजाल, पर नहीं बन सका मुद्दाग्राउंड रिपोर्ट : पटना साहिबसुमित, पटना संकरी गलियां. सड़क पर सजीं दुकानें और उसके बगल में खड़ी गाड़ियां. दिन भर लंबा जाम और उस पर गाड़ियों का शोर. यह सब देखना हो तो कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं. पटना सिटी चले जाइए. पटना साहिब विधानसभा क्षेत्र के अधिकांश इलाके में आपको हर दिन ऐसी तसवीर मिलेगी. मगर आश्चर्य की बात है कि किसी चुनाव में न तो स्थानीय मतदाताओं ने और न ही उम्मीदवारों ने इसे मुद्दा बनाया.नवरात्र की रौशनी में चुनावी गर्मी : पटनदेवी के चलते नवरात्र में इस इलाके में काफी चहल-पहल रहती है. अपनी विरासत के कारण इसका हर कोना मां की भक्ति से पटा रहता है. चुनाव का माहौल होने से लोगों का ध्यान बंटा है, लेकिन कोई खुल कर चर्चा नहीं करता. मतदाताओं का मूड जानने के लिए हम खाजेकलां के शिवलाल यादव की चाय दुकान पर पहुंचे, जहां श्री बाबू से लेकर बड़े-बड़े नेताओं की बैठकी हुआ करती थी…. इस बार कड़ा मुकाबला है : चाय दुकान पर बैठे लोगों के बीच कुरेदते ही जीत-हार के दावे शुरू हो जाते हैं. ट्रैफिक पर पूछा, तो बोले-पुराना मुहल्ला है. गाड़ियां भी बढ़ी हैं. अब कुछ नहीं हो सकता. लोगों को आदत हो गयी है. नयी सड़क के लिए गंगा किनारे ड्राइव वे बनेगा, तो कुछ समस्या दूर होगी. स्थानीय विधायक नंदकिशोर यादव के सवाल पर कहते हैं- स्वास्थ्य मंत्री रहते गुरु गोविंद सिंह अस्पताल का उद्धार नहीं करा सके. जनसंघ की सीट है, इसलिए जीतते रहे. लालू ने भी हर बार डमी कैंडिडेट दिया, लेकिन इस बार कड़ा मुकाबला है. उपलब्धियां गिनाने से नहीं चूकते : सिटी के किसी भी हिस्से में विधायक के समर्थक मिल जायेंगे. खाजेकलां के ही रामजी प्रसाद केसरी को क्रॉस करते ही बोलने लगे-कोई ऐसा मुहल्ला नहीं, जहां नंदू जी ने गली-नाली नहीं बनवायी. गांधी सेतु का जीर्णोद्धार, गंगा पाथ वे की शुरुआत, स्वच्छ पेयजल के लिए वाटर टाॅवर की योजना सब उनकी ही देन है. मारूफगंज, मंसूरगंज व मीना बाजार मंडी की दुर्दशा पर उनके समर्थक स्पष्ट जवाब नहीं दे सके.ग्रामीण इलाकों की चिंता नहीं : इस क्षेत्र के अंतर्गत नगर निगम के बीस वार्ड आते हैं. ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े चंद्रमोहन मेहता का कहना है कि रेलवे लाइन के दक्षिण की 70 फीसदी आबादी कृषि पर आधारित है. इधर, आलू-प्याज की खेती होती है, लेकिन इस तरफ विधायक का ध्यान नहीं. नहर का पानी फैलने से हर बार फसल बर्बाद हो जाती है. बाइपास फोरलेन के बगल में सर्विस लेन के प्रोजेक्ट से भी पानी निकासी की समस्या हुई है.पब्लिक खुद बता रही है मुद्दा : क्षेत्र में उनके मुख्य प्रतिद्वंद्धी उम्मीदवार संतोष मेहता का कहना है कि मेरे बोलने से पहले पब्लिक खुद मुद्दा बता रही है. 20 साल उन्होंने क्षेत्र का नहीं, सिर्फ अपना विकास किया. गली-नाली तो विधायक का काम है, मगर पांच टर्म तक बड़े पद पर रहते वह न तो क्षेत्र को बढ़िया संस्थान दिला सके, न स्कूल. प्रमुख मुद्दे :- – जाम व अतिक्रमण की समस्या.- घरों तक स्वच्छ पेयजल नहीं पहुंचना.- मारूफगंज, मंसूरगंज व मीना बाजार मंडियों की खराब स्थिति.- गुरु गोविंद सिंह अस्पताल व एनएमसीएच में दवा व डॉक्टर की कमी.- नहर का पानी फैलने से ग्रामीण इलाके में फसल की खराबी. कुल मतदाता : 3,39,291पुरुष मतदाता : 1,82,957महिला मतदाता : 1,56,334थर्ड जेंडर : 16प्रमुख उम्मीदवार – नंदकिशोर यादव, भाजपा- संतोष मेहता, राजद- अनय मेहता, सीपीआइ एमएल- अरशद अयूब, बसपा – इमरानुल होदा, सपा
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जाम-अतक्रिमण जी का जंजाल, पर नहीं बन सका मुद्दा
जाम-अतिक्रमण जी का जंजाल, पर नहीं बन सका मुद्दाग्राउंड रिपोर्ट : पटना साहिबसुमित, पटना संकरी गलियां. सड़क पर सजीं दुकानें और उसके बगल में खड़ी गाड़ियां. दिन भर लंबा जाम और उस पर गाड़ियों का शोर. यह सब देखना हो तो कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं. पटना सिटी चले जाइए. पटना साहिब विधानसभा क्षेत्र […]
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